आत्मनिर्भरता और जूनून की कहानी

startup in jharkhand

रांची : झारखंड

@The Opinion Today

मेरा नाम उषा कुमारी है और मैं Government Women’s Polytechnic, Bokaro में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की फाइनल ईयर की छात्रा हूं। मेरी पांच दोस्त हैं – अपर्णा कुमारी, पूजा कुमारी, दीपिका कुमारी, रानी कुमारी और प्रीति कुमारी। ये सभी अभी डिप्लोमा कर रही हैं। फिलहाल हम सभी ARD Electricals Jaipur की कंपनी के साथ काम रही हूं।

हम सभी का सपना है कि भविष्य में महिलाएं और वे छात्र, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, आत्मनिर्भर बन सकें और रोजगार के नए अवसर प्राप्त कर सकें। इसके साथ ही हम चाहते हैं कि छात्रों का भी अपना एक व्यवसाय हो, जहां वे खुद को सशक्त बना सकें। हम इस पहल में सरकार का भी सहयोग चाहते हैं ताकि इसे बड़े स्तर पर सफल बनाया जा सके।

हमारी इस सोच की शुरुआत उस समय हुई जब हम +2 हाई स्कूल Dantoo में पढ़ाई कर रहे थे। हमारे वोकेशनल सब्जेक्ट के तहत हमारे ट्रेनर अनिमेष सर ने हमें सिखाया कि एलईडी बल्ब कैसे बनाया जाता है और उसकी मरम्मत कैसे की जाती है। यही ज्ञान हमारे लिए एक प्रेरणा बन गया। आज भी हम अपनी इंटर्नशिप के जरिए इसे सीख रहे हैं और इसे अपने व्यवसाय में लागू करना चाहते हैं।

हमारा उद्देश्य है कि हमारा व्यवसाय गांव के स्तर पर शुरू हो, जहां हमारे ग्रामीणों को कम लागत में एलईडी बल्ब उपलब्ध हो सके। साथ ही, खराब बल्बों की मरम्मत कर उन्हें फिर से उपयोग के लायक बनाया जाए। इससे न केवल ग्रामीणों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिलेंगी, बल्कि इससे महिलाएं और छात्र भी आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन सकेंगे।

हम इस व्यवसाय के जरिए महिलाओं और छात्रों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म देना चाहते हैं, जहां वे खुद को विकसित कर सकें। हमारा लक्ष्य है कि इस पहल के तहत न केवल रोजगार के अवसर उत्पन्न हों, बल्कि कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जाए। इस प्रक्रिया में सरकार की सहायता से हमें यह उम्मीद है कि हम बड़े स्तर पर सफलता प्राप्त कर पाएंगे।

सरकार के सहयोग से हम अधिक से अधिक महिलाओं और छात्रों को प्रशिक्षण देने का विचार रखते हैं। यह प्रशिक्षण मुख्य रूप से एलईडी बल्ब निर्माण, मरम्मत और अन्य तकनीकी कौशल पर आधारित होगा। इससे वे न केवल नौकरी के योग्य बनेंगे, बल्कि अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने में भी सक्षम होंगे।

हमारी यह पहल ग्रामीण स्तर पर शुरू होगी, लेकिन हमारा सपना इसे पूरे राज्य और देश तक फैलाने का है। इससे न केवल रोजगार सृजन होगा, बल्कि हमारे समाज में स्वावलंबन की भावना भी विकसित होगी।

हम आशा करते हैं कि हमारी इस छोटी सी पहल को एक बड़ा आकार देने में सरकार और अन्य संगठनों का साथ मिलेगा। इससे न केवल हमारा व्यवसाय बढ़ेगा, बल्कि यह हमारे देश की अर्थव्यवस्था और समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा।

  • फ्यूज बल्ब को रिपेयर कर रिसेल करने के idea पर काम करती ये लड़कियां।
  • लड़कियों के इस समूह ने 5 हजार बल्ब मैन्युफैक्चरिंग और 7 हजार बल्ब ठीक कर चुकी हैं।
  • झारखंड की इकलौती लड़की जिसने skill India competition में शामिल हुई।
  • United Nation ने भी इसके काम की सराहना की है कि इनके काम ने महिला एंपावरमेंट को बढ़ावा देने का काम किया है।*

वीडियो को देखने के लिये नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें


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