रांची : झारखंड
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बेबी बूमर्स और जनरेशन एक्स
जिन लोगों का जन्म 1946 से लेकर 1964 के बीच में हुआ, उन्हें बेबी बूमर्स के नाम से जाना जाता है। जनरेशन एक्स साल 1965 से लेकर साल 1980 के बीच में जन्मे लोगों को कहा जाता है।
मिलेनियल्स
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मिलेनियल्स साल 1981 से लेकर साल 1996 के बीच में पैदा हुए लोगों को कहा जाता है। जनरेशनल ग्रुप तेजी से महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं। अलग-अलग एज ग्रुप्स में जन्मे लोगों को अलग-अलग तरह के अनुभवों का सामना करना पड़ता है, जो उनकी पर्सनालिटी पर भी असर डालते हैं। एक पीढ़ी की आर्थिक, राजनीतिक और तकनीकी सोच का अगली पीढ़ी पर भी प्रभाव पड़ता है।
जनरेशन Z और जनरेशन अल्फा
जनरेशन अल्फा में साल 2010 से लेकर साल 2024 तक जन्मे बच्चे शामिल हैं। इसी तरह से जनरेशन जेड में साल 1996 से लेकर साल 2010 के बीच में जन्मे लोग शामिल होते हैं।
2005- 2039 जेनरेशन बीटा का दौर
साल 2025 में जिन बच्चों का जन्म होगा, उन्हें जेन बीटा कहा जाएगा। जेन बीटा के पेरेंट्स के सामने सबसे बढ़ी चुनौती इस पीढ़ी को तकनीक की इस दुनिया में बच्चों की परवरिश करने के लिए खुद को तैयार करना है। बच्चों में शुरू से ही कुछ पर्यावरण-अनुकूल आदतें जैसे कि रीसाइक्लिंग और पानी की बचत करना सिखाना होगा। बच्चों को इमोशनल इंटेलिजेंस का गुण भी सिखाना होगा। इसमें बच्चों को अपनी भावनाओं को समझना और उन्हें वयक्त करना शामिल है। इमोशनल ग्रोथ के लिए जरनल लिखने या कहानी सुनाने जैसी एक्टिविटीज काम आ सकती हैं।
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