रांची : झारखंड
@ The Opinion Today
मार्च 2025 तक देश में डेंगू के 12,043 मामले सामने आ चुके हैं।
झारखंड में मार्च 2028 तक डेंगू के 59 मामलें।
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) के मुताबिक वर्ष 2025 के दौरान अब तक झारखंड में डेंगू के 59 मामले प्रकाश में आये हैं। 2024 में राज्य में डेंगू के 1528 मामले आये थे। दोनों ही वर्षों में मरीजों की मौत का आंकड़ा शून्य था।
NCVBDC के अनुसार भारत में मार्च 2025 तक डेंगू के 12,043 मामले सामने आ चुके हैं और 6 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2025 का उद्देश्य डेंगू बुखार से लड़ने के लिए निवारक कार्रवाई करने के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ाना है। मॉनसून के मौसम में जगह-जगह पानी जमा हो जाता है और मच्छरों के बढ़ते प्रजनन के कारण मामलों में अक्सर वृद्धि होने हो जाती है।
डेंगू मच्छरों से होने वाला संक्रामक संक्रमण है। यह संक्रमित “एडीज” मच्छर के काटने से डेंगू बुखार पैदा करने वाला वायरस फैल सकता है। यह मच्छरों से मनुष्यों में फैलता है। तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, मतली और दाने डेंगू के सामान्य लक्षण हैं।
डेंगू वायरस के चार प्रकार हैं: डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) के मुताबिक वर्ष 2025 के दौरान अब तक झारखंड में डेंगू के 59 मामले प्रकाश में आये हैं। 2024 में राज्य में डेंगू के 1528 मामले आये थे।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया की लगभग आधी आबादी अब डेंगू के खतरे में है, तथा अनुमान है कि हर साल 10 से 40 करोड़ लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं।
वहीँ एनसीवीबीडीसी के रिपोर्ट के अनुसार भारत में मार्च 2025 तक डेंगू के 12,043 मामले सामने आ चुके हैं और छह लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
डेंगू महामारी का अपना एक मौसमी पैटर्न है। संक्रमण अक्सर बरसात के मौसम के दौरान और उसके बाद चरम पर होता है।
डेंगू से कैसे करें बचाव के क्या है उपाय?
1.घर और आस-पास के इलाकों को साफ रखना चाहिए, पानी के सभी भंडारण कंटेनरों को उचित ढक्कन से ढका जाना चाहिए।
2.घर में कहीं भी पानी जमा नहीं होने देना चाहिए, बारिश के मौसम में ऐसे कपड़े पहनें चाहिए जो हाथ और पैर को ढक सकें।
3. अगर संभव हो या घर में मच्छर हैं तो मच्छरदानी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। WHO के अनुसार मच्छर भगाने वाले (डीईईटी, पिकारिडिन या आईआर3535 युक्त), कॉइल और वेपोराइजर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
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