रांची : झारखंड
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वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र के अंधेरे गांव सोलर पावर से हो रहे रौशन।
केंद्र सरकार की पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना के तहत चतरा जिले के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र लावालौंग प्रखंड के 400 घरों को सोलर ऊर्जा से चमकाने का कार्य किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार ने 57 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। आरडीएसएस योजना का उद्देश्य देश के विद्युत वितरण क्षेत्र में सुधार करना है। योजना का मुख्य फोकस विद्युत वितरण कंपनियों की परिचालन दक्षता और वित्तीय स्थिरता को मजबूत बनाना भी है। चतरा जिले के लावालौंग प्रखंड के दो पंचायतों सिलदाग और मंधनिया के 400 घरों में सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं । वायरिंग का काम भी शुरू हो चूका है।अब इस पंचायत के गांवों को 24 घंटे बिजली सुविधा प्राप्त हो सकेगी। योजना के तहत सिलदाग पंचायत में 6 सोलर पॉवर प्लांट और मंधनिया में 12 सोलर पॉवर प्लांट लगाये जा रहे हैं। सोलर उर्जा आधारित बिजली पहुँचाने का यह कार्य ज़रेडा के द्वारा किया जा रहा है। वह अगले 5 वर्षों तक इसकी देख रेख का काम भी संभालेगी।
लावालौंग के सिलदाग पंचायत के सोरु गाँव के 20 घरों में बिजली आपूर्ति का काम पूरा हो गया है। शाम ढलते ही गाँव की गलियां रौशन हो उठती हैं।
ग्रामीणों के अनुसार गाँव में पिछले दो वर्षों से बिजली नहीं थी। 7 साल पहले गाँव में बिजली आई थी लेकिन खराबी के कारण पिछले दो वर्षों से ग्रामीण बिजली के अभाव में जीवन बसर कर रहे थे।
केंद्र की पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना क्या हैं ?
चतरा के लावालौंग पंचायत के ये गाँव वन्य प्राणी अश्रयणी क्षेत्र में पड़ते हैं। वन्य प्राणी अश्रयणी क्षेत्र के कारण इन गांवों में बिजली प्रतिबंधित है। जिसे देखते हुए सोलर आधारित बिजली पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है। वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र के गांवों में बिजली की समस्या मुख्य रूप से वन विभाग द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण है, क्योंकि विद्युतीकरण के लिए पोल और तार लगाने पर रोक है. वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह प्रतिबंध लगाया गया है.
केंद्र की पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना क्या हैं ?
पुनर्विकसित वितरण क्षेत्र योजना केंद्र सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य बिजली वितरण क्षेत्र में सुधार लाना है, जिससे कुशल, विश्वसनीय और किफायती बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। यह योजना वितरण कंपनियों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करेगी और उनकी परिचालन दक्षता और वित्तीय स्थिरता में सुधार करेगी।
पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना के उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों सहित सभी उपभोक्ताओं के लिए किफायती उच्च गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है। कौशल विकास, प्रशिक्षण और बेहतर जनशक्ति प्रबंधन के माध्यम से बिजली क्षेत्र में क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना है।
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