TSAF के 52 वर्षीय मोहन रावत ने फतह किया माउंट एवरेस्ट: 18 मई को लहराया तिरंगा

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जमशेदपुर : झारखंड

@ The Opinion Today

टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (TSAF) के सीनियर प्रशिक्षक मोहन रावत ने 18 मई की सुबह माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराकर इतिहास रच दिया। उत्तरकाशी के छोटे से गांव अगोड़ा से निकलकर एवरेस्ट तक पहुंचने वाले मोहन की यह उपलब्धि साहस, समर्पण और जुनून की मिसाल बन गई है।

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मोहन ने 10 अप्रैल को भारत से रवाना होकर 3 मई को एवरेस्ट बेस कैंप (17,500 फीट) तक की कठिन यात्रा पूरी की। 14 मई की रात उन्होंने अंतिम समिट पुश शुरू किया और 18 मई को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंच गए। इस मिशन में उनके साथ शेर्पा गाइड लाख्पा शेर्पा और ‘एशियन ट्रेकिंग’ टीम भी थी।

20 वर्षों से TSAF से जुड़े मोहन ने इससे पहले कई दुर्गम चोटियों पर चढ़ाई की है और ‘मिशन गंगे’ व ट्रांस-हिमालयन जैसे ऐतिहासिक अभियानों में भाग लिया है। उनकी यह सफलता न सिर्फ टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की परंपरा को आगे बढ़ाती है, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा भी बनती है।

TSAF के चेयरमैन डी. बी. सुंदरा रामम ने मोहन की उपलब्धि को संगठन के लिए “गर्व का अद्भुत क्षण” बताते हुए कहा कि यह पर्वतारोहण से कहीं बढ़कर एक प्रेरक जीवन यात्रा है।

Theopiniontoday


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