NTPC के तीसरे युनिट से 660 मेगावाट बिजली उत्पादन का हुआ सफल परीक्षण

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रांची : झारखंड

@The Opinion Today

एनटीपीसी के नॉर्थ कर्णपुरा परियोजना के तीसरे युनिट से 660 मेगावाट कामर्शियल बिजली उत्पादन का परीक्षण सफल हो गया। बुधवार प्रातः 02:43 बजे यूनिट 3 का सफलतापूर्वक सिंक्रोनाइज़ेशन में एच ओपी एस के सुआर की टीम ने उल्लेखनीय सफलता पाई । इसके साथ ही नॉर्थ करणपुरा परियोजना से उत्पादन क्षमता का पूर्ण रूप से 1980 मेगावाट बिजली देश को मिलने लगेगी। फिलहाल दो युनिट से 1320 मेगावाट बिजली कर्णपुरा प्लांट से मिल रहा है। बहरहाल प्लांट के तीसरा युनिट अहले सुबह जैसे ही सिक्रोनाइज्ड हुआ डायरेक्टर समेत एचओपी एस के सुवार समेत अधिकारी जश्न में डूब गये। शीर्ष अधिकारियों ने मिठाई खिलाकर अपने इंजीनियरों को बधाई दी। एनटीपीसी का मानना है कि यह उपलब्धि परियोजना की पूर्ण क्षमता संचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जो क्षेत्र की ऊर्जा उत्पादन क्षमता को और सशक्त बनाएगी तथा देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगी। एनटीपीसी द्वारा जारी ब्यान के अनुसार एनटीपीसी नॉर्थ कर्णपुरा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की कुल निर्धारित क्षमता 1,980 मेगावाट है, जिसमें 660 मेगावाट की तीन इकाइयां शामिल हैं। पहले से ही दो इकाइयां संचालन में थीं। और अब यूनिट 3 के सफल सिंक्रोनाइज़ेशन के साथ, एनटीपीसी अपनी पूर्ण उत्पादन क्षमता के करीब पहुंच गया है। झारखंड के चतरा जिले में स्थित यह पिट-हेड प्रोजेक्ट झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम को विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। जिससे पूरब के राज्यों को 24 घंटे x 7 दिन गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती बिजली मिलेगी। प्लांट के कार्यकारी निदेशक श्री सुआर ने बताया कि यह भारत का पहला सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट है।जिसे इतने बड़े स्तर पर एयर-कूल्ड कंडेंसर के साथ डिज़ाइन किया गया है। यह तकनीकी नवाचार पारंपरिक वॉटर-कूल्ड कंडेंसर की तुलना में पानी की खपत को एक-तिहाई तक कम करता है । जिससे यह परियोजना ऊर्जा उत्पादन में सतत विकास और दक्षता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। इस मौके पर वरिष्ठ अधिकारियों मे आर ईडी अरिंदम सिन्हा, कार्यकारी निदेशक एवं परियोजना प्रमुख संजीव कुमार सुआर,ए.के. शुक्ला, कार्यकारी निदेशक (ऐश प्रबंधन) वरिष्ठ महाप्रबंधकगण एवं अन्य विभागाध्यक्ष शामिल थे।

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72 घंटों का होगा ट्रायल रन।

तीसरा युनिट सिंक्रोनाइजेशन होने के बाद एक सप्ताह के अंदर 72 घंटे का ट्रायल रन होगा। उसके बाद 660 मेगावाट कामर्शियल बिजली उत्पादन शुरू हो जायेगी। सिंक्रोनाइजेशन की प्रक्रिया तब पुरी होती है जब तीसरे युनिट में लगे सारे उपकरण बिजली उत्पादन के लिए पूरी तरह तैयार हो गया है। सर्वप्रथम पहला युनिट यानी 660 मेगावाट 1 मार्च 2023 से एनटीपीसी के प्लांट से कामर्शियल बिजली उत्पादन आरंभ हुआ था। उसके बाद 20 मार्च 2024 से दूसरे युनिट से 660 मेगावाट बिजली मिलना देश को शुरू हुआ। उक्त पावर प्लांट को पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल मार्च माह में आनलाइन उद्घाटन कर देश को समर्पित किया था।

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मेंटेनसेस के कारण बंद है यूनिट से उत्पादन

एनटीपीसी के कर्णपूरा पावर प्लांट से 660 मेगावाट बिजली उत्पादन वाली पहली ईकाई मेंटनेंस के कारण एक मार्च से बंद है। बताया गया कि एक मार्च से ही पहला युनिट बंद कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पहला युनिट में मेंटनेंस का काम चल रहा है जिसके कारण बिजली उत्पादन बंद करना पड़ा। संभावना है कि मार्च माह के अंतिम सप्ताह तक मेंटनेंस का काम पूरा कर लिया जायेगा।

प्रतिदिन 30 हजार टन कोयले की होगी खपत

एनटीपीसी के तीसरे युनिट से कामर्शियल बिजली उत्पादन आरंभ होने के बाद पावर प्लांट चलाने के लिए हर रोज तीस हजार टन कोयले की खपत होगी। फिलहाल दो युनिट के लिए लगभग बीस हजार टन कोयले की आपूर्ति हो रही थी।


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