रांची : झारखंड
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11 जनवरी से बाबा साहेब के बारे में जागरूकता का दिया जाएगा संदेश
सर्वोच्च कानूनी दस्तावेज और इसके निर्माता भीमराव अंबेडकर के बारे में जागरूकता फैलाने के बीजेपी बीजेपी 11 से 25 जनवरी तक संविधान गौरव अभियान शुरू कर रही है। इसका उद्देश्य संविधान का जश्न मनाने और इसके मूल्यों तथा इसके निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाना है। भाजपा इस साल गणतंत्र दिवस के पहले करीब पखवाड़ा भर ‘संविधान गौरव अभियान’ चलाएगी।
अभियान शुरू करने का फैसला विपक्षी दलों के उस आरोप का जवाब देना भी है जिसमें बीजेपी पर देश के मार्गदर्शक दस्तावेज के मूल्यों को कमजोर करने के प्रयास का आरोप लगाया है। विपक्षी हमलों के बाद से भाजपा ने खुद को संविधान के चैंपियन के रूप में पेश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
राष्ट्रव्यापी ‘संविधान गौरव अभियान’ में अनुसूचित जाति (एससी) की महत्वपूर्ण आबादी वाले जिलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस दौरान भाजपा केंद्र की नरेन्द्र मोदी नीत सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों को भी रेखांकित करेगी, जिनके बारे में वह अक्सर कहती है कि वे संवैधानिक मूल्यों से निर्देशित हैं और उसने इनके जरिए आंबेडकर की विरासत को मजबूत किया है। पार्टी पूरे देश में 50 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन करेगी और स्थानीय स्तर पर भी कई कार्यक्रम होंगे।अभियान के जरिए प्रदेश, जिला से लेकर मंडल स्तर तक समितियां गठित की गई हैं। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा कांग्रेस के परंपरागत आरक्षित वर्ग के वोट बैंक पर अपनी नजर रख रही है. इस अभियान को इसी कड़ी में देखा जा रहा है, भाजपा की कोशिश है कि आरक्षण खत्म करने को कांग्रेस की और से किए गए प्रचार को संविधान प्रति के अनुसार काउंटर किया जाए।
इस अभियान के तहत पार्टी विशेष रूप से छात्रों तक पहुंचेगी और संविधान के मूल्यों को समझाएगी। पार्टी के नेताओं का कहना है कि अभियान में डॉ. आंबेडकर के योगदान को भी प्रमुखता से उजागर किया जाएगा।
विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन ने पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा संविधान को कथित तौर पर कमजोर करने के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। यह ऐसा मुद्दा रहा, जिसकी वजह से भाजपा को मतदाताओं के एक वर्ग का खासा नुकसान उठाना पड़ा था। भाजपा के नेता भी मानते हैं कि इस कारण भाजपा लोकसभा चुनाव में अपने बूते बहुमत हासिल करने में नाकाम रही।
हाल ही में संपन्न संसद के शीतकालीन सत्र में भारत के संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा हुई थी। इस दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के एक अंश को मुद्दा बनाया और उन पर आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया।
शाह ने विपक्षी दलों पर उनके भाषण को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ने जोर देकर कहा कि यह कांग्रेस ही है, जिसने बार-बार आंबेडकर का अपमान किया है।
मोदी सरकार ने 26 जनवरी को संविधान लागू किये जाने के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने के लिए ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ टैगलाइन के तहत एक अभियान भी शुरू किया है।
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