रांची : झारखंड
@ The Opinion Today
डिजिटल भुगतान विजन 2025 के लक्ष्य हासिल करने के लिए केंद्र सरकार बड़ी पहल करने वाली है। डिजिटल फ्रॉड का शिकार होकर अपनी गाढ़ी कमाई गंवाने वालों के लिए केंद्र सरकार डिजिटल पेमेंट प्रोटेक्शन फंड DPPF का प्रस्ताव लाने वाली है। पीड़ित को तुरंत मुआवजा मिल सके इसके लिए वित्त मंत्रालय की स्थाई समिति राशि संग्रह की जानकारी दी गई है।
धोखाधड़ी साबित करने की जिम्मेदारी बैंक की होगी।
संसद के शीतकालीन सत्र में RBI ने जानकारी दी है कि इस प्रकार के भुगतान के लिए फंड बनाने को लेकर अध्ययन किया जा रहा है। DPV 2025 में प्रावधान है कि धोखाधड़ी प्रमाणित करने की जिम्मेदारी बैंक की है ग्राहक की नहीं। धोखाधड़ी होने पर बैंक जांच करेंगे और रकम का पता चलने से पहले उचित मुआवजा देंगे।
NCB की रिपोर्ट क्या कहती है?
NCB की रिपोर्ट के अनुसार देश में बढ़ते साइबर फ्रॉड का बड़ा कारण अपराधियों का पकड़ा नहीं जाना और सजा की दर का बेहद कम होना भी है। भारत में यह दर मात्र 3.6% है।
सेंटर फॉर I4C के अनुसार देश में 2022 में डिजिटल फ्रॉड के 6 लाख मामले दर्ज हुए लेकिन FIR की दर 2.6% थी।
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