रांची : झारखंड
@The Opinion Today
सीएमपीडीआई में ‘5जी यूज केस टेस्ट लैब’ का उद्घाटन
CMPDI में देश की पहली हाईटेक डिजिटल प्रयोशाला का उद्घाटन।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने 9 जनवरी लो रांची के केन्द्रीय खान नियोजन एवं डिजाइन संस्थान (सीएमपीडीआई) में ‘5जी यूज केस टेस्ट लैब’ का उद्घाटन किया। कोयला क्षेत्र के डिजिटल परिवर्तन और तकनीकी परिदृश्य को आगे बढ़ाने में 5जी यूज केस टेस्ट लैब सहायक है । 5जी यूज केस टेस्ट लैब कोयला उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किए गए विभिन्न 5जी-आधारित एप्लीकेशनों के विकास, परीक्षण और संयोजन के लिए एक परीक्षण केन्द्र के रूप में कार्य करता है। कोयला मंत्रालय ने 5जी तकनीक का प्रभावी ढंग से लाभ उठाने के लिए कोयला उद्योग के लिए 5जी यूज केस टेस्ट लैब की स्थापना के उद्देश्य से सीएमपीडीआई को उत्कृष्टता केन्द्र (सीओई) के रूप में मनोनीत किया है।
5जी यूज केस टेस्ट लैब क्या है ?
- 5जी यूज केस टेस्ट लैब कोयला उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किए गए विभिन्न 5जी-आधारित अनुप्रयोगों के विकास, परीक्षण और अनुकूलन के लिए एक परीक्षण केंद्र के रूप में कार्य करता है।
- 5जी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस लैब की स्थापना खनन क्षेत्र की उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ उठाने में सीएमपीडीआई नेतृत्व को और मजबूत करती है।
CMPDI की स्थापना के पीछे क्या है कहानी ?
सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट(सीएमपीडीआई) भारत सरकार का एक उद्यम है, जिसका कॉर्पोरेट मुख्यालय भारत के रांची में स्थित है।
यह कोल इंडिया की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी है एवं यह एक अनुसूची -बी कंपनी है।वर्ष 2019 के जून से यह एक मिनीरत्न (श्रेणी।) कंपनी है, तथा वर्ष 1998 के मार्च में इसे आईएसओ 9001 प्रमाण पत्र दिया गया है। अपनी सूचना सुरक्षा प्रबंधन के लिए भी यह आईएसओ 270001 प्रमाण-पत्र पाने की राह में है। मूल रूप से सीएमपीडीआई की परिकल्पना 1972 में की गई थी तथा संपूर्ण भारतीय खनन उद्योग, जो उस समय अल्प विकसित योजना प्रणाली पर कार्यरत था, के लिए एक छत के नीचे कार्य करने हेतु एक सर्व समावेशी योजना संगठन का प्रस्ताव पोलिस विशेषज्ञों के साथ एक युग्म, अध्ययन दल द्वारा दिया गया था। यह वह समय था जब देश में आने वाले वर्षों में तीव्र औद्योगिक विकास की जरूरतों को पूरा करने हेतु ऊर्जा की तेजी से वृद्धि के लिए अवलम्बन उपलब्ध करने हेतु कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकरण किया जा रहा था।
वर्ष 1973 के दिसम्बर माह में भारत सरकार ने सीएमपीडीआई की रचना से संबंधित प्रस्ताव को इसके क्रियाकलापों की सीमा को राष्ट्रीयकृत कोयला उद्योग तक ही सीमित रखते हुए स्वीकृत किया क्योंकि उस समय वैज्ञानिक खनन की जरूरत कोयला खनन के क्षेत्र में सर्वाधिक थी।
वर्ष 1974 में सीएमपीडीआई सद्य स्थापित कोल माइन्स अथॉरिटी लिमिटेड (सीएमएएल) के एक प्रभाग के रूप में करने लगा तथा बीते समय के नेशनल कोल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) का योजना खंड इसका नाभिकीय क्षेत्र बन गया।
पहली नवम्बर, 1975 के दिन कोल इंडिया की रचना हेतु सीएमएएल का विलय हो गया तथा सीएमपीडीआई अपने मेमोरेण्डम ऑफ़ एसोशियेसन के तहत घोषित कार्यक्षेत्र के साथ, जो कि मूल प्रस्ताव के अनुरूप ही है, सीआईएल के अंतर्गत एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी के रूप में प्रतिष्ठित हो गया।
ज्यादा जानकारी के लिये नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें
#theopiniontoday #jharkhand_news #jharkhand_update #CMPDI #DigitalLab #5G @cmpdil @CCmpdi @CoalMinistry @CoalIndiaHQ
Discover more from theopiniontoday.in
Subscribe to get the latest posts sent to your email.