रांची : झारखंड
@ The Opinion Today
PRI संस्थानों में जमीनी सुधार की पहल
पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) की क्षमता और योग्यता को बढ़ावा देने के लिए सुशासन दिवस के मौके पर ‘विकसित पंचायत कर्मयोगी’ कार्यक्रम की शुरुवात की गयी है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पंचायतों के जमीनी स्तर पर शासन को मजबूत करने के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के मौके पर ‘विकसित पंचायत कर्मयोगी’ पहल की शुरुआत की।
यह कार्यक्रम ‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य प्रभावी शासन एवं भागीदारी योजना के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों और अधिकारियों को आवश्यक उपकरणों और ज्ञान से जोड़कर कर पंचायती राज संस्थानों की क्षमता और योग्यता को बढ़ाना है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ओडिशा, असम, गुजरात और आंध्र प्रदेश में शुरू की गई इस पहल में ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म, एआई-संचालित चैटबॉट और मोबाइल ऐप का लाभ उठाया गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम शासन के विकेंद्रीकरण एवं जमीनी स्तर पर भागीदारी को बढ़ावा देने वाले सरकार के व्यापक मिशन के अनुरूप है। इस पहल से नागरिक केंद्रित शासन का मापनीय मॉडल तैयार होने की उम्मीद है, जिसके माध्यम से पीआरआई को ग्रामीण भारत में समान एवं सतत विकास करने में सक्षम बनाया जा सकेगा।
सुशासन दिवस को चिह्नित करते हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने दक्षता, पारदर्शिता और नागरिक केंद्रित शासन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अन्य परिवर्तनकारी पहलों की एक श्रृंखला की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने एवं सहयोग को बढ़ावा देने वाली ये पहल, समावेशी और जवाबदेह प्रशासन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
पंचायतों को सशक्त बनाकर और सहभागी शासन सुनिश्चित करके, सरकार का उद्देश्य भविष्य के लिए तैयार भारत की नींव रखना है जहां नागरिक अपनी नियति को आकार देने में सक्रिय रूप से भागीदार हों।
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