रांची : झारखंड
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ,डीआरडीओ द्वारा विकसित प्रणालियों पर 1,950 प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) भारतीय उद्योगों को सौंपे गए है। वर्ष 2024 में भारतीय उद्योगों के साथ डीआरडीओ ने 256 लाइसेंसिंग समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। 2 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में डीआरडीओ संगठन के 67वें स्थापना दिवस के अवसर वरिष्ठ वैज्ञानिकों और अधिकारियों से बातचीत के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ उपस्तिथ थे। इस दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक तकनीकों तथा उपकरणों से लैस करके देश की स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने और निजी क्षेत्र के साथ सहयोग के माध्यम से रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए डीआरडीओ की प्रशंसा की। 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किए जाने पर रक्षा मंत्री ने कहा कि डीआरडीओ निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा, “अगले स्थापना वर्ष तक, हमारे पास ऐसी 100 परियोजनाएं होनी चाहिए जो पूरी की जा चुकी हों।”
डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने मौके पर कहा कि पिछले साल मिशन मोड परियोजनाओं के लिए 19 से अधिक विकाससह-उत्पादन भागीदारों तथा उत्पादन एजेंसियों का चयन किया गया था। डीआरडीओ परीक्षण सुविधाओं को उद्योगों के लिए खोल दिया गया है और पिछले तीन वर्षों में निजी उद्योगों और डीपीएसयू के लिए 18,000 से अधिक परीक्षण किए गए हैं, जिनमें से 2024 में 5,000 से अधिक परीक्षण किए गये।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लंबी दूरी की हाइपरसोनिक एंटी शिप मिसाइल की डिजाइन टीम को भी सम्मानित किया। डीआरडीओ हर साल 1 जनवरी को अपना स्थापना दिवस मनाता है।
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