रांची : झारखंड
@ The Opinion Today
संथाली भाषा में समाचार बुलेटिन शुरू करेगा डीडी
पीएम नरेद्र मोदी ने मन की बात के 114वें एपिसोड को संबोधित करने के दौरान ‘संथाली’ को डिजिटल नवाचार की मदद से नई पहचान देने का अभियान के बारे में बताया था। संथाली भाषा की ऑनलाइन पहचान तैयार करने के लिए ओडिशा के मयूरभंज में रहने वाले श्रीमान रामजीत टुडु एक अभियान चला रहे हैं। अब सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते शनिवार को एक अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन DD अगले एक सप्ताह के भीतर संथाली भाषा में समाचार बुलेटिन शुरू करेगा। यह कदम देश के आदिवासी समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, खासकर संथाली बोलने वालों के लिए।
सूचना प्रसारण मंत्री ने यह घोषणा ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुई एक कार्यक्रम के दौरान की गई। कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी उपस्थित थी। राष्ट्रपति मुर्मू, जो खुद संथाली समुदाय से हैं, ने इस पहल को आदिवासी संस्कृति और भाषा के प्रति एक सम्मान और समर्पण के रूप में सराहा है।
DD का प्रयास संथाली भाषा को मुख्य धारा में जोड़ने में मददगार
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस अवसर पर कहा, “यह कदम संथाली बोलने वाले लोगों को समाचारों तक बेहतर पहुंच प्रदान करेगा और उन्हें मुख्यधारा के मीडिया से जोड़ने में मदद करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम सरकार की “सांस्कृतिक विविधता और भाषाई समानता” को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
दूरदर्शन का संथाली में समाचार प्रसारित करना आदिवासी समुदाय के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि अब उन्हें अपनी भाषा में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचारों की जानकारी मिल सकेगी।
संथाली आदिवासियों की प्रमुख भाषा
संथाली एक प्रमुख आदिवासी भाषा है जो संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल है। यह भारत की 22 मान्यता प्राप्त भाषाओं में से एक है। संथाली को लगभग 70 लाख लोग बोलते हैं, और यह विशेष रूप से ओडिशा, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा राज्यों में बोली जाती है। इसके अलावा, यह आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने में भी अहम भूमिका निभाती है।
संथाली भाषा से जुड़ी कुछ रोचक बातें जानिए
- संथाली भाषा, संथाल जनजाति की प्रमुख भाषा है।यह ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार की मुंडा शाखा की भाषा है।
- संथाली भाषा को देवनागरी, ओलचिकी, या रोमन में लिखा जाता है।
- ओलचिकी लिपि को रघुनाथ मुर्मू ने 1925 में विकसित किया था।
- ओलचिकी लिपि में 30 अक्षर होते हैं। ओलचिकी लिपि बाएं से दाएं लिखी जाती है।
- संथाली भाषा को पहले बंगाली, ओडिया, और रोमन लिपियों में लिखा जाता था।
- संथाली भाषा मुख्य रूप से मौखिक भाषा थी।
- संथाली भाषा को भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल, और भूटान में भी बोला जाता है।
- संथाली भाषा ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़, और अन्य राज्यों में अलग-अलग बोली जाती है।
GOOGLE TRANSLATE: TO SANTHALI (SANTALI)
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