चतरा : झारखंड
@the opinion today desk
लोक सभा चुनाव 2024 के दौरान बीजेपी के दो बार के सांसद सुनील सिंह का टिकट कटने और पुराने सिपाही को प्रत्याशी बनाए जाने पर मीडिया में यह लाइन खूब चली थी चतरा हर बार चौंकाता है विधासभा चुनाव में भी पहले फेज की 43 सीटों के लिए होने वाले चुनाव को देखते हुए जब बीजेपी प्रदेश कार्यालय में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला बताया गया तो सभी हैरान रह गए। भाजपा ने एक सीट लोजपा रामविलास को गठबंधन के तहत दिया था। लेकिन चौंकाने वाली बात यह थी कि वह सीट पिछली बार की तरह संथाल की शिकारीपाड़ा या कोई अन्य सीट नहीं होकर परंपरागत चतरा विधासभा (एससी सुरक्षित) थी।
इसके बाद तो यह फैसला एक मुद्दा सा बन गया । मीडिया में पूछा जाने वाला एक प्रमुख सवाल।
लोक जन शक्ति पार्टी चतरा जिले में मजबूत स्थिति में नहीं है। लेकिन गठबंधन के तहत लोजपा को एडजस्ट किया जाना भी जरूरी था। अहम सवाल विधासभा चुनाव में दलित वोटों के बिखराव को रोकने का था। अनुसूचित जाति के 9 महत्वपूर्ण सीटों पर जीत दर्ज करना भी जरूरी था।
लेकिन चतरा चौंकाता है विधासभा चुनाव में भी कहावत चरितार्थ हो गया क्योंकि बीजेपी ने टिकट वितरण के साथ लोजपा को कमजोर विकेट पर जीत दर्ज करने के बूस्टर डोज का इंतजाम कर रखा था। लोजपा ने बीजेपी के नेता और पूर्व विधायक जनार्दन पासवान को पार्टी में शामिल कराकर उन्हें अपना उम्मीदवार बना दिया है।
इस बहाने लोजपा की झारखंड की राजनीति में री लॉन्चिंग हो गई वहीं दूसरी तरफ एनडीए ने इण्डिया गठबंधन को वाक् ओवर देने से मना कर दिया। अब जनार्दन पासवान खुद को एनडीए उम्मीदवार के तौर पर पेश करते हुए सबका साथ सबका विश्वास के सहारे चुनावी लड़ाई जीतना चाहते हैं
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