रांची : झारखंड
@ The Opinion Today
देश भर में हरियाली का बढ़ा दायरा : भारत वन स्थिति रिपोर्ट-2023
वन अनुसंधान संस्थान FRI देहरादून के हालिया जारी किए गए रिपोर्ट भारत वन स्थिति रिपोर्ट-2023 के अनुसार देशभर में हरियाली का दायरा बढ़ा है। वन एवं वृक्ष आवरण में 1445 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। वन क्षेत्र में यह वृद्धि वर्ष 2021 के मुकाबले 0.17 प्रतिशत ज्यादा है।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह की मौजूदगी में जारी हुए इस रिपोर्ट के अनुसार, वन एवं वृक्ष आवरण में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और राजस्थान में वृद्धि दर्ज की गई। देश में कुल वन और वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किलोमीटर है, जो भौगोलिक क्षेत्र का 25.17 है। 2021 में वन एवं वृक्ष आवरण 8.25 लाख वर्ग किलोमीटर था। क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे अधिक वन एवं वृक्ष आवरण वाले शीर्ष तीन राज्य मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और महाराष्ट्र हैं। रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, उत्तर-पूर्वी दिल्ली, दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम में वन आच्छादित क्षेत्र मामूली बढ़ा है। बाकी अन्य में कमी आई है। दिल्ली में वन आवरण 195.28 वर्ग किलोमीटर है।
झारखंड में बढ़ा हरियाली का दायरा।
झारखंड में वन क्षेत्र में 0.5 फीसदी वृद्धि हुई है। झारखंड में कुल वन क्षेत्र 23765.78 वर्ग किमी है, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 29.81 है। FRI की रिपोर्ट के अनुसार, वन एवं वृक्ष आवरण में सर्वाधिक वृद्धि छत्तीसगढ़, यूपी, ओडिशा, राजस्थान और झारखंड में दर्ज की गई।
देश में कुल वन और वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो भौगोलिक क्षेत्र का 25.17 है। इसमें वन आवरण करीब 7,15,343 वर्ग किमी (21.76 है, जबकि वृक्ष आवरण 1,12,014 वर्ग किमी (3.41 प्रतिशत) है।
चतरा जिला में 48 प्रतिशत कम हो गए जंगल।
चतरा जिले में 48.40 प्रतिशत जंगल घटा है। इसके अलावा 15.23 वर्ग किलोमीटर जंगल के प्रवृति में बदलावा भी आया है।
चतरा जिले में कुल 3718 वर्ग किलोमीटर जंगल था। लेकिन इसमें से अब मात्र 51.60 प्रतिशत जंगल ही बच पाया है।
इसमें से अत्यधिक घना जंगल 254.32 वर्ग किलोमीटर, घना जंगल 838.17 वर्ग किलोमीटर और खुला जंगल 706.90 वर्ग किलोमीटर व झाड़ी 34.45 वर्ग किलोमीटर बचा है। देखा जाय तो 3718 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में मात्र 1799.39 वर्ग किलोमीटर जंगल ही चतरा में बचा है।
चतरा जिले के दक्षिणी वन क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) सूर्यभूषण कुमार ने इस पर जानकारी देते हुए बताया कि वन विभाग का बहुत सारा जमीन रेलवे, सीसीएल, ट्रांसमिशन लाइन, सड़क और वन पट्टा में चला गया है। जिसके कारण आंकड़ों में कमी आई है।
उन्होंने बताया कि खुला जंगल और झाड़ी वाले स्थानों पर पौधरोपण का कार्य तेजी से चल रहा है। जितना पेड़ रेलवे और सीसीएल के कारण कटा है, उससे अधिक पौधा लगाने का काम चल रहा है।
भारत वन स्थिति रिपोर्ट-2023
भारतीय वन सर्वेक्षण
Forest-report-2023
#theopiniontoday #jharkhand #FRA #Chatra #Environment #Deforestation #forest_survey_of_India #Forest_report_2023
Discover more from theopiniontoday.in
Subscribe to get the latest posts sent to your email.