रांची : झारखंड
@ The Opinion Today
पीएलआई योजना के बारे में नहीं जानते तो बड़ी भूल कर रहें हैं।
भारत विनिर्माण क्षेत्र में बदलावकारी यात्रा पर है। यात्रा का मकसद दूरदर्शी नीतियों के माध्यम से वैश्विक जगत में अपनी मौजूदगी दर्ज करना है। इस विकास का केंद्रबिंदु प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना है, जो नवाचार को बढ़ावा देते हुए, दक्षता में वृद्धि करते हुए, और महत्वपूर्ण उद्योगों में प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देते हुए देश को एक अग्रणी वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के सरकार के साहसिक दृष्टिकोण की आधारशिला है।
पीएलआई योजना ने निवेश, उत्पादन और रोजगार सृजन के मामले में शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। इस वर्ष अगस्त महीने तक 14 क्षेत्रों में 1.46 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप 12.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का क्रमागत उत्पादन/बिक्री , 9.5 लाख से अधिक रोजगार सृजन और 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात हुआ है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान है। केंद्र ने वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 23-24 के दौरान क्रमशः 8 क्षेत्रों में 2,968 करोड़ रुपये और 9 क्षेत्रों में 6,753 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया।
आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल के दृष्टिकोण के साथ तैयार की गई पीएलआई योजना विनिर्माण की रीढ़ को मज़बूत करने, आयात पर निर्भरता कम करने और विकास को स्थिरता के साथ संतुलित करने का प्रयास करती है। यह उत्पादन उत्कृष्टता में अग्रणी होने, नवाचार को बढ़ावा देने और एक संपन्न औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के राष्ट्र के संकल्प को रेखांकित करती है जो स्थानीय प्रगति और वैश्विक प्रतिस्पर्धा दोनों को शक्ति प्रदान करती है। भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिए 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं की घोषणा की गई है ।
- मोबाइल विनिर्माण और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट,
- महत्वपूर्ण प्रमुख शुरूआती सामग्री/ड्रग इंटरमीडियरीज एंड एक्टिव
- चिकित्सा उपकरणों का विनिर्माण
- ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट
- फार्मास्यूटिकल्स ड्रग्स
- स्पेशलिटी स्टील
- दूरसंचार एवं नेटवर्किंग उत्पाद
- इलेक्ट्रॉनिक/ प्रौद्योगिकी उत्पाद
- व्हाइट गुड्स(एसी और एलईडी)
- खाद्य उत्पाद
- वस्त्र उत्पाद: एमएमएफ सेगमेंट और टेक्निकल टेक्सटाइल्स
उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल - उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी
- ड्रोन और ड्रोन कंपोनेंट।
पीएलआई योजना मुख्य रूप से एमएसएमई क्षेत्र के भीतर मूल्य श्रृंखलाओं में सहायक इकाइयों के विकास को बढ़ावा देकर भारत के एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र पर व्यापक प्रभाव डालने के लिए पूरी तरह तैयार है। आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के साथ, पीएलआई योजना न केवल औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रही है, बल्कि विनिर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक अगुवाई करने का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है।
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