रांची : झारखंड
@The Opinion Today
नीति आयोग की रिपोर्ट : हस्त और विद्युत उपकरण क्षेत्र में अगले 10 वर्षों में 35 लाख नौकरियां होंगी सृजित।
नीति आयोग ने हस्त और विद्युत उपकरण क्षेत्रों पर एक रिपोर्ट जारी की है जीसका शीर्षक ’25 बिलियन डॉलर से अधिक निर्यात क्षमता का दोहन करना – भारत का हस्त और विद्युत उपकरण क्षेत्र’ है।
रिपोर्ट में भारत के आर्थिक विकास के लिए हस्त और विद्युत उपकरण उद्योग की परिवर्तनकारी क्षमता को रेखांकित किया गया है साथ ही चुनौतियों, नीतिगत बाधाओं और भारतीय हाथ और बिजली उपकरण इको-सिस्टम को मजबूत करने के लिए आवश्यक हस्तक्षेपों पर चर्चा की गयी है। रिपोर्ट इस क्षेत्र के लिए वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी बड़ा हिस्सा हासिल करने के लिए एक रणनीतिक मार्ग की रूपरेखा तैयार करती है।
रिपोर्ट बताती है कि बिजली और हाथ के औजारों का वैश्विक व्यापार बाजार, जिसका वर्तमान मूल्य लगभग 100 बिलियन डॉलर है, के उल्लेखनीय रूप से बढ़ने का अनुमान है, जो 2035 तक लगभग 190 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। इस बाजार में हाथ के औजारों का हिस्सा 34 बिलियन डॉलर है और 2035 तक इसके 60 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। बिजली के औजार, जिसमें उपकरण और सहायक उपकरण शामिल हैं, यह 63 बिलियन डॉलर का प्रतिनिधित्व करते हैं और इनके 134 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है, जिसमें विद्युत औजारों अधिकता में होंगे।
रिपोर्ट कहता है की भारत में वैश्विक बाजार का एक बड़ा हिस्सा हासिल करने की क्षमता है, जिसका लक्ष्य अगले दशक में 25 बिलियन डॉलर का निर्यात करना है, जिससे बिजली उपकरणों में 10 प्रतिशत और हाथ के औजारों में 25 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल करके लगभग 35 लाख नौकरियां पैदा हो सकती हैं। नवाचार को बढ़ावा देने, देश के MSME को सशक्त बनाने, भारत के औद्योगिक इको-सिस्टम को मजबूत करने के जरिए हम एक विश्वसनीय, उच्च गुणवत्ता वाले वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में देश की स्थिति को मजबूत कर सकते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था और इसके लोगों के लिए संभावित लाभ बहुत अधिक हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उपकरण उद्योग वैश्विक विनिर्माण इको-सिस्टम के आधारभूत स्तंभ के रूप में कार्य करता है। हाथ और बिजली उपकरण क्षेत्र भारत की ‘वैश्विक विनिर्माण केंद्र’ बनने की महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर को दर्शाता है।
रिपोर्ट में रेखांकित करते हुए कहा गया है कि भारत एक विकसित राष्ट्र यानी @ 2047 तक विकसित भारत बनने की दहलीज पर खड़ा है, जहां औद्योगिक इको-सिस्टम की एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी। हाथ और बिजली उपकरण क्षेत्र हमारे घरेलू विनिर्माण को बढ़ाने और निर्माण और डीआईवाई बाजारों में वृद्धि के साथ अगले 10 वर्षों में हमारी वैश्विक उस्थिति को 25 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने में मदद करेगा, “MAKE IN INDIA ” पहल को मजबूत करेगा और देश की आर्थिक वृद्धि को गति देगा। रिपोर्ट में उन चुनौतियों का भी विश्लेषण किया गया है जिनका सामना भारत को करना पड़ सकता है, जिसमें चीन की तुलना में 14-17 प्रतिशत लागत का नुकसान शामिल है।
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