बी कॉम करना है ? जानिए कैसे करें बेस्ट कॉलेज का चुनाव…

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एजुकेशन डेस्क : झारखंड

@ The Opinion Today

करियर की चिंता किसे नहीं होती छात्र हमेशा ऐसे ऑप्शन की तलाश में होते हैं जिससे उन्हें उनका भविष्य सुनहरा दिखे। इसके लिए वे दिन रात मेहनत करते हैं. लेकिन आज के दौर में केवल जानकारी से काम नहीं चलेगा। पसंदीदा सब्जेक्ट के साथ अच्छे कॉलेज का चुनाव भी जरूरी है। B.Com एक व्यावसायिक पाठ्यक्रम है। कॉमर्स, लॉ और मैनेजमेंट बैकग्राउंड के वैसे छात्र जो सीए, सीएस, आईसीडब्ल्यूए लेने के इच्छुक है उनके लिए यह पाठ्यक्रम एक मजबूत आधार प्रदान करता है। साथ ही, छात्रों को कर (टैक्स) परामर्श के क्षेत्र में विभिन्न पदों के लिए तैयार करता है।

 

कॉलेज का चुनाव करते समय इन बातों का रखे ध्यान :

कोर्स का चुनाव और कॉलेज की रैंकिंग और एक्रीडेशन: कॉलेज या यूनिवर्सिटी को शॉर्टलिस्ट करते समय, सबसे पहले देखें कि उसे यूजीसी/ नैक जैसे संस्थानों से मान्यता मिली है या नहीं।

टीचर्स की गुणवत्ता: कॉलेज या यूनिवर्सिटी का चयन करने के बाद सबसे जरूरी बात यह जानना है की आपको पढ़ाने वाले टीचर्स अनुभवी और बेहतरीन हो।

कैंपस का माहौल: अगर आप दूसरे शहर में पढ़ाई करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो यह देख लें कि कॉलेज/ कैंपस का माहौल कैसा है।

कॉलेज के विभाग: जिस कोर्स को आप ज्वाइन करने वाले हैं उस पर रिसर्च करें। स्टूडेंट फीड बैक को महत्व दें। क्या ये कॉलेज या यूनिवर्सिटी आपके विषय के लिए बेहतर जाना जाता है?

स्कॉलरशिप: कॉलेज या यूनिवर्सिटी मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृति देते है। कई संस्थानों में एक से ज्यादा स्कॉलरशिप का प्रावधान है जो आपके अकादमिक और अन्य क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धि से जुड़ा होता है। इसके बारे में अवश्य पता करें और आवेदन दें।

कॉलेज की सुविधाएं: एडमिशन लेने से पहले लैब्स, लाइब्रेरी और इंफ़्रास्ट्रक्चर की सुविधाएं कैसी हैं इसकी पड़ताल अवश्य करें।

प्लेसमेंट रिकॉर्ड की जानकारी:
सबसे आखिर में लेकिन सबसे जरूरी है जानना की कॉलेज या यूनिवर्सिटी का प्लेसमेंट रिकॉर्ड कैसा है ? जिस विषय में आप एडमिशन लेने वाले हैं उसका पिछले कुछ सालों का रिकॉर्ड कैसा रहा है।

करियर काउंसलर की लें मदद: मन पसंद कोर्स,कॉलेज या यूनिवर्सिटी के चयन के बाद भी अगर मन में अगर कोई शंका हो तो काउंसलर से संपर्क करें। अधिकांश कॉलेज या यूनिवर्सिटी में काउंसलर नियुक्त होते है जो आपको सही और स्पष्ट जानकारी मुहैया कराने में मदद करते हैं। एक प्रोफेशनल करियर काउंसलर छात्रों के हितों, योग्यता और कौशल का आकलन करने में विशेषज्ञ होते हैं। वे आपकी क्षमता के अनुसार आपको सही कोर्स, कॉलेज और करियर चुनने में पूरी मदद करेंगे।कई सारे कॉलेज तो इंक्वायरी करने वाले स्टूडेंट्स को फ्री ऑनलाइन/ ऑफ लाइन काउंसलिंग की सुविधा भी प्रदान करते है।

बीकॉम कोर्स फायदे: बी कॉम का पूरा नाम बैचलर ऑफ कॉमर्स होता है। यह एक अंडर ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स है। बीकॉम 12th पास करने के बाद किया जा सकता है। यह एक प्रोफेशनल डिग्री कोर्स है। यह 3 साल और 6 सेमेस्टर में विभाजित होता है।

B.Com दो प्रकार का होता है:

  • बीकॉम जनरल
    बीकॉम ऑनर्स

बीकॉम ऑनर्स विद्यार्थियों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। इसमें आपको किसी एक सब्जेक्ट में स्पेशलाइजेशन करना होता है। इसलिए आप किसी भी सब्जेक्ट जैसे- अकाउंटिंग और फाइनेंस, इकोनॉमिक इन्वेस्टमेंट, मैनेजमेंट,बैंकिंग एंड फाइनेंशियल मार्केट, मार्केटिंग जैसे इत्यादि सब्जेक्ट में से किसी एक में स्पेशलाइजेशन करना होता है।

बीकॉम कोर्स करने के बाद, स्टूडेंट्स को बिजनेस और संबंधित क्षेत्रों की अच्छी जानकारी मिल जाती है। इस फील्ड में करियर बनाने के लिए ज़रूरी ज्ञान और कौशल मिलता है।
बीकॉम के बाद स्टूडेंट्स को अकाउंट , बिजनेस मैनेजमेंट ,कंपनी लॉ , टैक्स लॉ और बिजनेस चलाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के बारे में भी आवश्यक जानकारी प्राप्त होती है।

  • बीकॉम छात्रों को नौकरी बाजार में प्रतिस्पर्धी उम्मीदवार बनाने में सहयोग करता है।
  • बीकॉम करने के बाद, कई तरह के क्षेत्रों में करियर के रास्ते खुल जाते हैं।
  • बीकॉम एक ऐसा कोर्स है जिसे करने के बाद छात्रों को अच्छी तनख्वाह वाली नौकरियां मिलती हैं।
  • बीकॉम करने के बाद, छात्र CA, CMA या CS जैसी अतिरिक्त योग्यता वाली परीक्षाएं दे सकता है।
  • बीकॉम करने के बाद, छात्रों के पास अपना खुद का व्यवसाय या फर्म शुरू करने का विकल्प भी होता है।

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