किसानों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आया किसान कवच

kisankawach

रांची : झारखंड

@ The Opinion Today

भारत का पहला कीटनाशक रोधी शूट

कीटनाशक रोधी बॉडीसूट, ‘किसान कवच’ किसानों को कीटनाशकों के संपर्क में आने से होने वाले हानिकारक प्रभावों से बचाने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया अपनी तरह की पहली तकनीक है। यह किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है। किसान कवच के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जोर देते हुए कहा कि ‘किसान कवच’ किसानों की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कमी को पाटने वाला एक अभूतपूर्व समाधान है। सेपियो हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से बैंगलोर स्थित ब्रिक-इंस्टेम द्वारा विकसित, यह बॉडीसूट कीटनाशक-प्रेरित विषाक्तता, जो अक्सर श्वास संबंधी विकार, दृष्टि हानि और चरम स्थितियों में, मृत्यु सहित विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का कारण बनता है, से सुरक्षा प्रदान करता है।
जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि “किसान कवच सिर्फ एक उत्पाद ही नहीं, बल्कि यह हमारे किसानों से उनके स्वास्थ्य की रक्षा करने का एक वादा है क्योंकि वे देश को भोजन प्रदान करते हैं।” धोने और फिर से उपयोग में समर्थ यह सूट, जिसकी कीमत 4,000 रुपये है, एक साल तक चल सकता है और संपर्क में आने पर हानिकारक कीटनाशकों को निष्क्रिय करने के लिए उन्नत फैब्रिक तकनीक का उपयोग करता है, जिससे किसानों की सुरक्षा अभूतपूर्व तरीके से सुनिश्चित होती है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा की पिछले दशक में, भारत में बायोटेक से जुड़े स्टार्टअप की संख्या 8,500 से अधिक हो गई है, जिससे हम 300 बिलियन डॉलर की बायोइकोनॉमी को हासिल करने की राह पर हैं। ‘किसान कवच’ जैसी पहल के जरिए हम न केवल अपने किसानों की सुरक्षा कर रहे हैं, बल्कि जलवायु की दृष्टि से सुदृढ़ कृषि और सतत विकास की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं।”

इस सूट की मैन्यूफैक्चरिंग प्रक्रिया में सूती कपड़े पर न्यूक्लियोफाइल का सहसंयोजक जुड़ाव शामिल होता है, जिसे “किसान कवच®” के रूप में सिला जाता है। ‘किसान कवच’ का यह कपड़ा न्यूक्लियोफिलिक हाइड्रोलिसिस के माध्यम से संपर्क में आने वाले कीटनाशकों को निष्क्रिय कर सकता है, जिससे कीटनाशक-प्रेरित विषाक्तता और घातकता को रोका जा सकता है।

दिल्ली में आयोजित कीयूए गए एक कार्यक्रम के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने किसानों को किसान कवच सूट के पहले बैच का वितरण भी किया और इसे कृषि में संलग्न भारत की 65 प्रतिशत आबादी की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम कहा । उन्होंने आश्वासन दिया कि जैसे-जैसे इस सूट का उत्पादन बढ़ेगा, यह और अधिक किफायती होगा तथा देश भर के अधिक से अधिक किसानों को सुलभ हो जाएगा।


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