मशूहर खुरमा को अब जीआई टैग

khurma sweets Bihar 01 01

राँची : झारखंड

@ The Opinion Today

बिहार के उदवंतनगर का मशूहर खुरमा को अब जीआई टैग मिल चुका है । उदवंतनगर का खुरमा मिठास के लिए प्रसिद्ध है। अब खुरमा पूरे देश और दुनिया में एक विशेष पहचान पाएगा। GI का पूरा मतलब Geographical Indication यानी भौगोलिक संकेत। जीआई टैग (GI Tag) एक प्रतीक है, जो मुख्य रूप से किसी उत्पाद को उसके मूल क्षेत्र से जोड़ने के लिए दिया जाता है। जीआई टैग उत्पाद की विशेषता बताता है। आसान शब्दों में कहें तो जीआई टैग बताता है कि विशेष उत्पाद किस जगह पैदा होता है या इसे कहां बनाया जाता है।

इस मिठाई की खासियत है कि बिना फ्रीज के इसे दस से 12 दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

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कैसे बनता है खुरमा

दुकानदार बताते है कि छेना के बड़े-बड़े टुकड़ों को चीनी की चाशनी में डेढ़ से दो घंटे तक धीरे-धीरे पकाया जाता है। छेना जब पककर हल्का लाल व भूरा रंग का हो जाता है, तब उसे चूल्हे से उतार दिया जाता है. एक घंटे ठंडा होने के बाद यह मिठाई खाने योग्य हो जाती है।

शुद्ध पनीर से बने इस खुरमे मिठाई में मिलावट नहीं होने के कारण इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। अगर आपने अभी तक यह खास और लजीज मिठाई नहीं चखी है तो समझिये कि एक बेहतरीन बिहारी टेस्ट से आप वंचित हैं।

रोहतास के काराकाट क्षेत्र के इंटमा बाजार के युवा व्यवसाई राजन गुप्ता बताते है कि पिछली तीन पीढ़ियों से उनके दुकान हरिओम स्वीट्स में यह मिठाई बनती आ रही है।

Theopiniontoday

 

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