कांके : झारखंड
By Muzaffar Hussain @theopiniontoday
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण में कांके विधानसभा समेत कुल 43 विधानसभा की सीटें शामिल हैं। भाजपा ने इस सीट पर फेरबदल करते हुए डॉ० जीतू चरण राम को उम्मीदवार बनाया है। गठबंधन के उम्मीदवार का ऐलान होने कितने राजनीतिक समीकरण बनेंगे-बिगड़ेंगे ये तो समय बतायेगा।
कांके विधानसभा ( SC सुरक्षित ) एक ऐसी सीट है जिसपर किसी दल विशेष का वर्षों से कब्जा रहा है। इस सीट पर भाजपा का वर्षों से एकक्षत्र राज है। कितने प्रत्याशी आये, कितने दल लेकिन भाजपा को इस सीट से कोई हिला नहीं सका। इस सीट को भाजपा का यह मुरुड़ जजीरा कहा जा रहा है जिसे पिछले 34 वर्षों में कोई भेद नहीं सका ।
क्या है मुरुड़ जजीरा
मुरुड़ जजीरा महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के मुरुड़ नामक स्थान पर स्थित एक किला है। भारत के पश्चिमी तट पर समुद्र के बीच स्थित इस किले का निर्माण मलिक अंबर ने 1567 में कराया। यह किला समुद्र तल से 90 फीट ऊंचा है और इसकी नींव 20 फीट गहरी है। 22 एकड़ में फैले इस किले को कुल 22 वर्षों में निर्मित किया गया, जिसमें 22 सुरक्षा चौकियां थी। इस किले को छत्रपति शिवाजी, पेशवा बाजीराव, संभाजी महाराज एवं कान्होजी समेत कई योद्धाओं ने जीतने का प्रयास किया लेकिन सभी असफल रहे।
1977 के बाद से राम नाम के प्रत्याशी को मिली जीत
देश आजाद होने के बाद कांके विधानसभा सीट का गठन पहली बार 1967 में हुआ। इस समय झारखंड दल (जेकेडी) के नेता जेएन चौबे इस सीट पर पहले विधायक निर्वाचित हुए। 1977 में यह सीट अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित कर दी गई। इसके बाद से इस सीट पर राम नाम के प्रत्याशियों को जीत मिलती रही है। सीट आरक्षित होने के बाद इसके पहले विधायक जेएनपी दल से हीरा राम तूफानी निर्वाचित हुए। इसके बाद से जिनके नाम में राम नाम जुड़ा रहा विजयी वही हुए। जैसे राम रतन राम, हरि राम, रामचंद्र बैठा, रामचंद्र नायक, जीतू चरण राम हालांकि सीट आरक्षित होने से पूर्व 1969 एवं 1972 में बीजेएस की टिकट पर रामटहल चौधरी दो बार विधायक निर्वाचित हुए। उनके नाम में भी राम नाम जुड़ा है।
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