रांची : झारखंड
@ The Opinion Today
त्रि दोषों का पता लगाने में मददगार ऐप : प्रकृति परीक्षण ऐप (PrakrutiParikshan)
शरीर के त्रि दोषों( वात ,पित्त और कफ) का पता लगाने के लिए आयुर्वेद विशेषज्ञ अब आपके घर आएंगे और शरीर की प्राकृति का परीक्षण कर समस्या का समाधान बताने का काम करेंगे।
आयुष मंत्रालय ने 26 नवंबर से ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ शुरू किया है। एक महीने तक चलने वाले इस अभियान में एक करोड़ परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। आयुष मंत्रालय ने इसके लिए 4,70,000 से अधिक समर्पित स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग दी है।
अभियान का उद्देश्य पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा जागरूकता में क्रांति लाना है।
देश का प्रकृति परीक्षण अभियान
आयुष मंत्रालय ने इसके लिए एक एप तैयार किया है जिसके माध्यम से लोगों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी मांगी जाएगी। इस एप को किसी भी फोन पर डाउनलोड किया जा सकेगा। एप में क्यूआर कोड जारी किया जाएगा जिसको मंत्रालय के वॉलंटियर स्कैन कर लोगों को उनका प्रकृति बताएंगे।
प्रकृति परीक्षण एप कैसे करती है कार्य
- ऐप से स्वास्थ्य की सूचना 12 प्रश्नावली में मांगी जाएगी।
- लाइव वीडियो के जरिये एक वाक्य भी बोलना है।
- जानकारियां समिट करने के बाद क्यू आर कोड जेनरेट होगा।
- विशेषज्ञ वॉलेंटियर स्कैन कर लोगों को सेहत की प्रकृति बताएंगे।
त्रि दोष वात, पित्त और कफ
आयुर्वेद भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ी चिकित्सा पद्धति है। इसके अनुसार शरीर के तीन दोष होते हैं: वात, पित्त, कफ़।
इन तीनों को त्रिदोष कहा जाता है। आयुर्वेद शरीर, मन, और आत्मा के संतुलन पर आधारित चिकित्सा पद्धति है। त्रि दोष शरीर के कार्यों और स्वास्थ्य को नियंत्रित करने का काम करती है। हर दोष की अपनी विशेषताएं, गुण, और कार्य होते है। दोषों के असंतुलन या विकृति के कारण हमारा शरीर बीमार पड़ता है। इस असंतुलन का कारण है अनुचित आहार, अनुचित दिनचर्या, खराब जीवनशैली और तनाव।
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