रांची : झारखंड
@ The Opinion Today
भीषण गर्मी का पर्याय माने जाने वाले मई माह में इस बार मौसम का मिजाज खासा बदला हुआ है। लू चलना तो दूर की बात, माह के ज्यादातर दिन तापमान भी सामान्य के आसपास या उससे नीचे ही रहा है। हैरानी की बात यह कि अब इस साल नौतपा भी दगा देने जा रहा है।
25 मई से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर गया और नौ दिन यानी 2 जून तक इसी में रहेगा। इस दौरान धरती पर सूर्य की गर्मी का ताप बढ़ता है। नौतपा के शुरुआती पांच दिन तक आए दिन तापमान बढ़ने की संभावना रहती है। मान्यता है कि इस दिनों सूर्य सर्वाधिक बलवान रहता है, जिससे भीषण गर्मी पड़ती है। वैसे सूर्य रोहिंणी नक्षत्र में 15 दिनों तक रहता है, लेकिन नौतपा शुरुआती नौ दिनों को ही कहा जाता है। ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस बार की विशेषता यह है कि यह नौतपा अधिक गरमाहट नहीं, बल्कि बदलते मौसम और संभावित वर्षा का संकेत दे रहा है।
इस परिवर्तन के पीछे मुख्य कारण मंगल और राहु का मीन राशि में गोचर है। मीन एक जल तत्व राशि है, और जब उग्र ग्रह मंगल तथा रहस्यमयी राहु इसमें प्रवेश करते हैं, तो वायुमंडलीय हलचलों में अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिलते हैं। इस योग के चलते नौतपा में बादल छाने, हवा में नमी बढ़ने और कई स्थानों पर हल्की वर्षा या बूंदाबांदी की स्थिति बन सकती है। आम तौर पर नौतपा में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार चला जाता है, लेकिन इस बार मौसम विज्ञान और ग्रह चालों के अनुसार स्थिति कुछ अलग रहने वाली है। मंगल-राहु का यह विशेष संयोग जहां एक ओर गर्मी से थोड़ी राहत देगा, वहीं दूसरी ओर वर्षा की संभावनाओं को भी बल देगा।
नौतपा का क्या है मतलब ?
नौतपा हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह में सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश करते ही शुरू होता है। वर्ष 2025 में नौतपा 25 मई से शुरू होने जा रहे है. यह नौ दिन भारी तपन और उष्णता से भरे होते हैं। यह केवल मौसम का एक दौर नहीं है, बल्कि लोक मान्यता और अनुभव के आधार पर यह पृथ्वी के स्वास्थ्य से जुड़ी एक चेतावनी भी है। मान्यता है कि जैसे मां गर्भ में नौ महीने तक शिशु को पोषित करती है, वैसे ही नौतपा के नौ दिन धरती को शुद्ध और संतुलित रखने का कार्य करते हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि नौतपा में बादल छाते हैं या हल्की वर्षा होती है, तो यह आने वाले मानसून के लिए सकारात्मक संकेत होता है। इससे संकेत मिलता है कि मानसून समय पर और अच्छी बारिश के साथ दस्तक दे सकता है, जो किसानों के लिए एक शुभ समाचार होगा।
मौसम के जानकारों की राय :
कृषि मौसम विज्ञानिकों की मानें तो देश भर में इस समय हीट वेब वाला सिस्टम भी सक्रिय है। इस वर्ष अभी तक समन्ह्य तिथि 1 जून के पूर्व ही दक्षिण – पश्चिम मानसून की रवानगी हो चुकी है। मौसम खरीफ़ फसलों के अनुरूप बनेगा।
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