रांची : झारखंड
@The Opinion Today
7वां संस्करण में में 4विषयों पर रहेगा जोर।
कुपोषण से निपटने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता के तहत 8 अप्रैल से 22 अप्रैल 2025 तक पोषण पखवाड़े का 7वां संस्करण मनाएगा। इस वर्ष के पोषण पखवाड़े में चार प्रमुख विषयों पर जोर दिया जाएगा जिनमें जीवन के पहले 1000 दिनों पर ध्यान, पोषण ट्रैकर के लाभार्थी, नागरिक मॉड्यूल का प्रचार-प्रसार, सीएमएएम के माध्यम से कुपोषण का प्रबंधन और बच्चों में मोटापे से निपटने हेतु स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना शामिल है।
प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई प्रमुख पहल पोषण अभियान, कुपोषण से लड़ने के अपने मिशन को जारी रखे हुए है, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, किशोरियों और छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार करना है। इस वर्ष का पोषण पखवाड़ा सामग्री, सेवा वितरण, प्रचार-प्रसार और परिणामों को मजबूत करने में सहायक होगा। व्यापक मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के हिस्से के रूप में यह पहल स्वास्थ्य, तंदुरुस्ती और बीमारियों और कुपोषण के खिलाफ प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर 18 भागीदार मंत्रालयों के अधिकारियों, राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों और सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को वेबकास्ट के जरिये आज दोपहर 12बजे संबोधित करेंगी।
पखवाड़े का 7वां संस्करण परिणामोन्मुखी होगा। इसका उद्देश्य घर-घर जाकर, सामुदायिक संपर्क कार्यक्रमों, पहचान अभियानों और गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर शिविरों के माध्यम से जमीनी स्तर पर पोषण परिणामों को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाना है। इसका लक्ष्य समुदाय को समग्र पोषण के बारे में शिक्षित करना, स्तनपान और पूरक आहार को बढ़ावा देना तथा पोषण ट्रैकर के लाभार्थी/नागरिक मॉड्यूल को समुदाय के सशक्तिकरण और भागीदारी के साधन के रूप में लोकप्रिय बनाना है।
पोषण अभियान की शुरुआत के बाद से देश भर में छह सफल पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। पोषण पखवाड़ा के दौरान आयोजित जन आंदोलन गतिविधियां इस मंत्रालय तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इसमें ग्रामीण विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय आदि भागीदार मंत्रालयों की मजबूत सहभागिता रहती है, जो इस अवधि के दौरान विभिन्न आयोजन चलाते हैं। पोषण पखवाड़ा 2025 के तहत देश भर के राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नियोजित विभिन्न गतिविधियां/कार्यक्रम भी ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को प्रदर्शित करेंगे।
व्यापक सामुदायिक सहभागिता के जरिये पोषण पखवाड़ा 2025 प्रत्येक स्तर पर – व्यक्तिगत, सामुदायिक और राष्ट्रीय – पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने और प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप सुपोषित भारत के लक्ष्य की दिशा में काम करता रहेगा।
हर बच्चे को जीवन की स्वस्थ शुरुआत का हक है, हर माँ को उचित पोषण का अधिकार है और हर परिवार को भी पौष्टिक भोजन मिलना चाहिए। लेकिन फिर भी, भारत में लाखों लोगों के लिए कुपोषण, खामोशी के साथ लगातार संकट बना हुआ है – जो न केवल लोगों को बल्कि देश के भविष्य को भी प्रभावित करता है। एक बदलावकारी कार्रवाई की ज़रुरत को महसूस करते हुए, सरकार ने 8 मार्च 2018 को पोषण अभियान की शुरूआत की – एक प्रमुख कार्यक्रम जिसका मकसद, समग्र दृष्टिकोण के ज़रिए महिलाओं और बच्चों के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार करना है। इसकी प्रमुख पहलों में से एक, पोषण पखवाड़ा, कुपोषण को दूर करने में जागरूकता बढ़ाने और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक शक्तिशाली मंच के रूप में उभरा है।
पोषण पखवाड़ा, एक वार्षिक पोषण जागरूकता अभियान, नहीं है – यह अहम मुद्दों पर कार्रवाई करने के लिए आह्वान है।
देश भर के आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ मिलकर समुदाय को जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
इन विषयों पर जोर:
- प्रसवपूर्व देखभाल, उचित पोषण और नियमित स्वास्थ्य जांच को प्राथमिकता दें।
- स्वस्थ भविष्य के लिए प्रतिज्ञा लें – स्वस्थ भोजन करें, सक्रिय रहें और जागरूकता फैलाएँ।
- संतुलित और स्वस्थ आहार लें।
प्रतिदिन 8 गिलास पानी पिएँ। - पोषण ट्रैकर ऐप पर रजिस्टर करें।
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