रांची : झारखंड
@The Opinion Today
भारत सरकार ने कल यानी 7 मई को देशभर के 244 जिलों में मॉक ड्रिल करवाने का आदेश जारी कर दिया है। जिसके बाद देशभर में मॉक ड्रिल की तैयारी भी चल रही है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब पाकिस्तान को डर है कि भारत पलटवार करेगा. पहलगाम अटैक का बदला लेने के लिए कड़ा रुख अपनाने की तैयारी कर रहा है।
मॉक ड्रिल के तहत एयर रेड वार्निंग सायरनों का संचालन होगा. यह बड़े खतरे और दुश्मन की गतिविधियों को लेकर अलर्ट जारी करने से जुड़ा कदम है. नागरिकों और छात्रों को संभावित हमलों की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक नागरिक सुरक्षा तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. क्रैश ब्लैकआउट की व्यवस्था की जाएगी. इसके तहत दुश्मन की हवाई निगरानी या हमले से शहरों और ढांचों को छिपाने के लिए आपातकालीन प्रोटोकॉल लागू किया जाएगा।
झारखंड के 6 जिलों में भी कल मॉक ड्रिल आयोजित होगी जिनमें बोकारो ,गुमला,गोड्डा।, साहेबगंज , रांची और जमशेदपुर का नाम शामिल है।
पहलगाम हमल के बाद पाकिस्तान बार-बार युद्ध की खोखली धमकी दे रहा है। इसलिए केंद्र सरकार ने युद्ध जैसी इमरजेंसी में क्या करना चाहिए, इसकी जानकारी देशवासियों को देने के लिए मॉक ड्रिल्स करवा रही है। इसके साथ ही इसका मुख्य उद्देश्य राज्य सरकारों और प्रशासन को आपातकालीन परिस्थितियों में प्रभावी कदम उठाने में सक्षम बनाना है। मॉक ड्रिल के दौरान संबंधित एजेंसियों की तैयारी की क्षमता को परखा जाएगा। इससे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
54 वर्षों के बाद दूसरी बार हो रहा है मॉक ड्रिल।
भारतीय संसद पर 2001 के हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था और दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध की आशंका पैदा हो गई थी। पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। 22 अप्रैल के बाद से ही चारों तरफ से दोनों मुल्कों के बीच जंग की आशंका तेज हो गई है। 7 अप्रैल को भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने युद्ध को लेकर मॉक-ड्रिल की अधिसूचना जारी कर दी। 7 मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित होने वाले हैं। लेकिन आपको यह बता दें कि 1971 के बाद से केंद्र सरकार की ओर से जारी किया गया इस तरह का पहला आदेश है। इस तरह की व्यापक मॉक ड्रिल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 1971 में हुई थी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच जंग चल रही थी। यानी 54 साल बाद एक बार फिर इस तरह का आदेश जारी हुआ है। उस दौरान नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मॉक ड्रिल की गई थी।
इस बार होने जा रही मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों को हवाई हमले या अन्य हमलों की स्थिति में शांत रहने, सुरक्षित आश्रय लेने और प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करने के लिए तैयार करना है।
क्या क्या होगा मॉक ड्रिल के दौरान :
- मॉक ड्रिल में क्या-क्या होगा?
- हवाई हमले की चेतावनी देने का सायरन बजाया जाएगा।
- मॉक ड्रिल के वक्त ब्लैकआउट यानी बत्तियां बुझाकर अंधेरा किया जाएगा।
- आम नागरिकों को हमले के वक्त बचाव से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी।
- अहम और संवेदनशील प्रतिष्ठानों को दुश्मन की नजर से बचाना।
- जोखिम वाली जगहों को खाली कराना और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक ले जाने का अभ्यास करना।
- छात्रों और सिविल डिफेंस को ट्रेनिंग दी जाएगी, आपात स्थिति में सुरक्षा की तैयारी परखी जाएगी।
- कंट्रोल रूम के संचार उपकरणों को जांचा जाएगा, महत्वपूर्ण सुरक्षा ढांचों को छुपाया जाएगा।
झारखंड सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट की किस लिस्ट लिस्ट में हैं :
सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स की बात की जाए तो यह वे होते हैं जहां पर भारत सरकार सिविल डिफेंस प्रोग्राम को लागू करती है। ये जिले युद्ध, हवाई हमले, मिसाइल हमले या बड़े पैमाने पर आतंकी हमलों जैसी आपात स्थितियों के मामले में प्रशासनिक और ऑपरेशनल हब के तौर पर काम करते हैं।
सिविल डिफेंस एक्ट, 1968 के तहत, इन जिलों की पहचान की जाती है जहां संभावित दुश्मन हमले की आशंका अधिक होती है. ये जिले भारत-पाकिस्तान या भारत-चीन सीमा से सटे होते हैं या फिर ऐसे शहरी क्षेत्र होते हैं जहां जनसंख्या सघन है और जिनकी सुरक्षा रणनीतिक रूप से आवश्यक है।
7मई को झारखंड के 6 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। सरकार द्वारा जारी किये गए पत्र के अनुसार झारखंड को सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट की कोटि 2 में रखा गया है। सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट संवेदनशीलता के आधार पर बांटा जाता है।
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