पोस्ते की अवैध खेती के विनष्टिकरण और मादक पदार्थों पर कार्रवाई की समीक्षा।

पोस्ते की अवैध खेती

चतरा: झारखंड

@The Opinion Today

वन भूमि अवैध खेती का पसंदीदा स्पॉट।

मानस पोर्टल और टॉल फ्री नंबर1933 पर करे शिकायत।

चतरा जिले में पोस्ते की अवैध खेती के विरुद्ध चलाए जा रहे अफीम विनष्टीकरण एवं निषिद्ध मादक पदार्थों की रोकथाम को लेकर हुई कार्रवाई की समीक्षा बुधवार को हुई।
समीक्षा बैठक की अध्यक्षता चतरा डीसी ने किया।

समीक्षा के दौरान बताया गया कि चतरा वन प्रमंडल उत्तरी में 167.08 एकड़ वन भूमि एवं 85.05 एकड़ गैर वन भूमि पर अवैध अफीम की खेती को नष्ट करने का कार्य किया गया है। इसके अलावे 77 फॉरेस्ट डिस्प्यूट्स और चेतावनी से जुड़ी कार्रवाई की गयी है।

चतरा वन प्रमंडल दक्षिणी में इस वित्तीय वर्ष के दौरान 39.37 एकड़ वन भूमि व रैयती भूमि पर अवैध अफीम की खेती की सूचना प्राप्त हुई है जिसपर 18 वनवाद दायर हुआ है। एवं 04 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है इस के साथ 1 डीजल पंप जप्त किया गया है।
समीक्षा में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी में कहा गया कि पिछले 3 वर्षों में कुल इस मामले से जुड़े 45 कांड दर्ज किए गए है साथ ही 3152 एकड़ भूमि पर अफीम की खेती को नष्ट करने का काम किया गया है। पुलिस विभाग ने वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कार्रवाई को अंजाम दिया है।
समीक्षा के दौरान उपायुक्त चतरा रमेश घोलप ने कहा कि अफीम की खेती के विनष्टीकरण, रोकथाम एवं इसके दुष्प्रभाव के बारे में आम लोगों को जागरूक करने के लिए प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

बैठक में पुलिस अधीक्षक विकास कुमार पांडेय, वन प्रमंडल पदाधिकारी दक्षिणी मुकेश कुमार, अपर समाहर्ता अरविंद कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी सिमरिया सन्नी राज, अनुमंडल पदाधिकारी चतरा जहूर आलम, सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सभी संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी एवं थाना प्रभारी समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।

मानस पोर्टल पर करे अवैध खेती और मादक पदार्थों से जुड़ी शिकायत।

राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन पोर्टल मानस केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण पहल है।
पोर्टल प्रत्येक नागरिक को ड्रग से संबंधित मामलों की रिपोर्ट करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इसके माध्यम से ड्रग तस्करी, अवैध बिक्री, खरीद , भंडारण , निर्माण और नारकोटिक ड्रग्स या साइकोट्रोपिक पदार्थों की अवैध खेती से जुड़ी जानकारी दी जा सकती है।
मानस हेल्पलाइन पोर्टल का मुख्य उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और नशीली दवाओं से संबंधित मुद्दों की रिपोर्टिंग और सहायता प्राप्त करने के लिए व्यापक मंच प्रदान करना भी है।
मानस पोर्टल पर कोई भी नागरिक रिपोर्ट कर सकता है अथवा सहायता मांग सकता है।
किसी भी नशीली दवा से संबंधित अपराध की रिपोर्ट कर सकते हैं। पोर्टल का उपयोग करके पुनर्वास और परामर्श के संबंध में सहायता प्राप्त कर सकते हैं। टोल-फ्री हेल्पलाइन के नंबर 1933 का उपयोग करके पुनर्वास और परामर्श के संबंध में सहायता मांग सकते हैं।

वन भूमि और जीएम लैंड तस्कर करवाते हैं खेती।

चतरा जिले में पोस्ते की अवैध खेती रोकने एक चुनौती बना हुआ है। जिले में अवैध पोस्ते की खेती के लिए वन भूमि और गैर-मजरूआ जमीन का इस्तेमाल किया जाता रहा है।
इसमें मल्टीपल लेयर पर लोग शामिल है। पुलिस की कार्रवाई में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि इसमें शामिल लोग पहचान छुपाते है। हालांकि एनडीपीएस अधिनियम के तहत कई मामलों में पुलिस सजा दिलाने में सफल साबित हुई है।

चतरा के ये इलाके हैं हॉट बेड।

चतरा जिले में इस बार भी पोस्ते की फसल लहलहा रही है। सबसे अधिक खेती वन भूमि में नदी या तालाब के किनारे की जाती है।
तस्कर पहाड़ी और सुदूरवर्ती क्षेत्रों का चयन खेती के लिए करते हैं। भोले भाले किसानों को बरगलाकर खेती करवाई जाती है जिसमें एजेंट्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
चतरा जिले के लावालौंग, प्रतापपुर , कान्हाचट्टी, राजपुर, हंटरगंज क्षेत्र अफीम की खेती के लिए सुर्खियों में रहते रहे हैं।

नारकोटिक्स मामलों के निपटारे के लिए चतरा में स्थापित होगा विशेष न्यायालय।

चतरा में पोस्ते की अवैध खेती और मादक पदार्थों की तस्करी और खरीद फरोख्त के बढ़ते मामलों पर पिछले वर्ष हुई हाई लेवल मीटिंग हुई थी। बैठक में डीजीपी अनुराग गुप्ता और आईएएस वंदना दादेल भी शामिल हुई थी।
बैठक में जमीनी जानकारी प्राप्त करने के लिए आस पास के जिले के एसपी के अलावा थानेदारों के साथ भी विचार विमर्श किया गया था।
2023 में जारी किए गए एनडीपीएस के आंकड़ों में सबसे अधिक मामले चतरा जिले में ही दर्ज किए गए थे।
पिछले दिनों हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में सरकार ने इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए चतरा जिले में विशेष न्यायालय गठित करने का फैसला लिया है। यह न्यायालय जिला न्यायाधीश के स्तर का होगा जिसमें नारकोटिक्स से जुड़े मामले और लंबित वादों का त्वरित निपटारा किया जाएगा।
भारत सरकार ने ड्रग्स तस्करी के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ अपनाई है जिससे ड्रग्स के खतरे को कम किया जा सके। 2047 तक नशामुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
विशेष न्यायालय एनडीपीएस एक्ट के तहत, दायर किए गए मामलों जिनमें तीन साल से अधिक की अवधि के लिए दंड का प्रावधान है पर कार्रवाई कर सकती है।


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