रांची : झारखंड
@The Opinion Today
21 अप्रैल 2025 को रोमन कैथोलिक चर्च के 266वें पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया। पोप फ्रांसिस 1.4 अरब लोगों के आध्यात्मिक गुरु थे। 2013 से वह चर्च का नेतृत्व कर रहे थे। पोप का निधन एक युग का अंत है, और नई शुरुआत की तैयारी का समय भी। पोप के निधन की आधिकारिक घोषणा के बाद 77 वर्षीय कार्डिनल केविन जोसेफ फैरेल फिलहाल कार्यवाहक प्रमुख हैं। 266वें पोप फ्रांसिस के निधन के बाद वेटिकन में सदियों पुरानी रस्में फिर से दुहरायी जाएँगी जिनमें फिशरमैन रिंग का एक खास हथौड़े से तोड़ा जाना शामिल है। यह रस्म पोप के कार्यकाल के अंत की पुष्टि करता है। इस रस्म के पूरा होने के बाद वेटिकन नौ दिन के शोक की घोषणा करेगा। इन नौ दिनों के दौरान कैथोलिक समुदाय पोप को श्रद्धांजलि देने के लिए कई प्रार्थनाएं और स्मृति सभाएं आयोजित करेगा। इस दौरान सबसे मार्मिक होता है पोप के शव का सार्वजनिक प्रदर्शन। इस बार पोप की इक्षा के अनुरूप उनके शव को ऊंचे मंच पर नहीं रख कर ताबूत में ही रखा जायेगा। श्रद्धांजलि और शोक का यह समय सेदे वकांते के नाम से जाना जाता है। परंपरा के अनुसार पोप का अंतिम संस्कार उनके निधन के कुछ दिन बाद होता है। इस बार भी अंतिम संस्कार उनके निधन के चार से छह दिन बाद होने की उम्मीद है। पोप के दफन की प्रक्रिया भी अहम है। पोप की इच्छा के हिसाब से उनका ताबूत जस्ता-लगी एकल लकड़ी से बना होगा। ताबूत में उनके शासनकाल में ढाले गए सिक्कों का बैग और ‘रोजिटो’ नाम का दस्तावेज रखा जा सकता है, जिसमें उनके जीवन और उपलब्धियों का ब्योरा होता है। परंपरा के मुताबिक, पोप फ्रांसिस को सेंट मैरी मेजर बेसिलिका में दफनाया जाएगा, जहां वह अक्सर निजी प्रार्थना के लिए जाया करते थे।
अंतिम संस्कार और दफन के बाद का महत्वपूर्ण चरण है पापल कॉन्क्लेव जिसे पोप के निधन के 15 से 20 दिन बाद बुलाया जाता है। इसके साथ हीं नए पोप के चयन के लिए कॉलेज ऑफ कार्डिनल्स चुनाव की तैयारी करता है। मतदान के पात्र केवल 80 साल से कम उम्र के कार्डिनल्स, जिनकी संख्या 120 है होंगे। कॉलेज ऑफ कार्डिनल्स के डीन मतदान की देखरेख करते हैं। चुनाव में कई दौर के मतदान होते हैं. अगर कोई उम्मीदवार दो-तिहाई बहुमत नहीं पाता, तो मतपत्रों को जलाया जाता है. चिमनी से निकलने वाला काला धुआं बताता है कि कोई फैसला नहीं हुआ, जबकि सफेद धुआं नए पोप के चुने जाने की खबर देता है। जैसे ही कोई उम्मीदवार दो-तिहाई बहुमत हासिल करता है कॉलेज ऑफ कार्डिनल्स का डीन चुने गए उम्मीदवार से पूछता है कि क्या वह पोप का पद स्वीकार करता है। नया पोप पारंपरिक रूप से सफेद कैसॉक पहनता है, जो पवित्रता और नई शुरुआत का प्रतीक है. वरिष्ठ कार्डिनल सेंट पीटर बेसिलिका की ऐतिहासिक बालकनी से की गयी घोषणा हमें नया पोप मिल गया है “हबेमुस पापम ” चर्च के नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।
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