रांची, झारखंड: गुड न्यूज
राज्य में ध्वनि प्रदूषण का उल्लंघन करने वालों की सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा। झारखंड उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति दीपक रोशन की अदालत ने यह निर्देश दिया है। अदालत ने ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए दिए गए पूर्व के निर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश भी सरकार को दिया। मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।
सिविल सोसाइटी की ओर से दाखिल पीआईएल में अदालत को बताया गया है कि निर्धारित समय के बाद डीजे और लाउडस्पीकर बजाने की शिकायत लोग करते हैं, लेकिन उनकी पहचान गोपनीय नहीं रह पाती। नाम बाहर आने से शिकायत करने वालों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोग शिकायत करने से बचते हैं। इस पर अदालत ने पुलिस और सरकार को शिकायत और सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखने का निर्देश दिया। अदालत ने सरकार को अगली तिथि को कोर्ट के निर्देशों का कितना पालन किया जा रहा है इसकी जानकारी देने का निर्देश दिया। बता दें कि हाईकोर्ट ने रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक बैंड- बाजा, लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। त्योहारों के अवसर पर ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण नियमावली के तहत रात 10 बजे से 12 बजे तक इसमें छूट दी जा सकती है, लेकिन रात 12 बजे के बाद इसके इस्तेमाल पर रोक रहेगी। कई अन्य निर्देश भी दिए हैं।
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