मिथिला सरोज रत्नावली और भदुली भद्रकाली में दर्ज है भद्रकाली मंदिर की कहानी

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चतरा : झारखंड

@The Opinion Today

भद्रकाली की प्रतिमा भक्तों के सौभाग्य से आज इटखोरी के भदुली में स्थापित है। 1968 में चोरी होने के बाद अगर तत्काल माता की प्रतिमा कोलकाता से बरामद नहीं होती, तो प्राचीन काल की यह बहुमूल्य प्रतिमा अमेरिका चली जाती। लेकिन समय रहते चोर की चिट्ठी से मूर्ति एवं सौदागार का सुराग मिल गया। उक्त बातें मिथिला सरोज रत्नावली पुस्तक में दर्ज है।

किताब के लेखक विद्यानंद झा ने मिथिला सरोज रत्‍‌नावली नामक पुस्तक में विस्तार पूर्वक मां भद्रकाली के प्रतिमा की चोरी होने तथा प्रतिमा वापसी के पूरे घटनाक्रम का उल्लेख किया है। पुस्तक में कोलकाता पुलिस के इंस्पेक्टर और माता की मूर्ति अमेरिका ले जाने के योजना का भी जिक्र किया गया है।
लेखक की एक अन्य किताब सिद्ध पीठ भदुली भद्रकाली भी चर्चित पुस्तक है जो मंदिर और उससे जुड़े इतिहास पर प्रकाश डालने का कार्य करता है।

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