रांची : झारखंड
@The Opinion Today
वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। उन्होंने दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर बनाने में सफलता हासिल की है। यह पेसमेकर आकार में इतना छोटा है कि इसे इंजेक्शन के जरिए भी शरीर में इंजेक्ट किया जा सकता है। USA की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों द्वारा इसे बनाया गया है . इस पेसमेकर को खासतौर पर उन नवजात शिशुओं के लिए बनाया गया है, जिनमें जन्म से ही ह्रदय सम्बन्धी दोष होता है . चावल के दाने से भी छोटा यह पेसमेकर मरीज की छाती पर पहने जाने वाले एक नरम, वायरलेस डिवाइस के साथ काम करता है।
यह पेसमेकर उन मरीजों के लिए डिजाईन किया गया है जिन्हें अस्थाई तौर पर इसकी जरूरत होती है।इसकी सबसे बड़ी खासियत है की जब पेसमेकर की आवश्यकता खत्म हो जाती है, तो यह खुद ही शरीर में घुल जाता है। यह नया पेसमेकर खुद बिजली पैदा करता है। यह पेसमेकर इन्फ्रारेड लाइट से चलता है, जो शरीर के अंदर तक सुरक्षित रूप से पहुंचती है।
वैज्ञानिकों के अनुसार भविष्य में इस तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ बच्चों में ही नहीं, बल्कि बड़ों के इलाज में भी किया जा सकता है।
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