रांची : झारखंड
@The Opinion Today
जानिए- कैसे स्टूडेंट्स बनें NEP सारथी एंबेसडर?
NEP सारथी, UGC की एक पहल है. इसका उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के प्रावधानों को लागू करने में शामिल करना और उच्च शिक्षा में सुधार लाना है। एनईपी सारथी के ज़रिए, छात्रों को एनईपी के बारे में जागरूक किया जाता है और उन्हें इस नीति के कार्यान्वयन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने एनईपी 2020 की परिवर्तनकारी प्रक्रिया में छात्रों की भागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि छात्र शिक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और किसी भी शिक्षा प्रणाली के सफल कार्यान्वयन के लिए छात्रों का इसमें इंवॉल्वमेंट और कमिटमेंट महत्वपूर्ण है और आजीवन सीखने को बढ़ावा देना है। NEP सारथी के माध्यम से, हमारा उद्देश्य एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देना है जहां छात्र सक्रिय रूप से योगदान कर सकें और NEP 2020 के प्रावधानों का प्रभावी उपयोग कर सकें।
कौन बन सकता है सारथी?
यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों के कुलपतियों से निम्नलिखित पैरामीटर पर खरा उतरने वाले विद्यार्थियों को एनईपी सारथी के लिए नामांकित कर सकते हैं।
कौन बन सकता है NEP सारथी?
शैक्षणिक संस्थान अपने विद्यार्थियों में विद्यमान गुणों की पहचान कर उन्हें नामांकित कर सकता है । NEP सारथी बनाने के लिए छात्र छात्राओं में
उत्कृष्ट व्यक्तित्व, उत्कृष्ट संचार कौशल, संगठनात्मक क्षमता, रचनात्मकता, जिम्मेदारी की भावना और टीमों का नेतृत्व करने की क्षमता होनी चाहिए।
एनईपी सारथी की जिम्मेदारी
- NEP 2020 की पहल के बारे में जागरूकता पैदा करना
- सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करना
- छात्रों की चिंताओं को दूर करने के लिए एक फीडबैक तंत्र स्थापित करना।
- कैंपस में जागरूकता अभियान चलाना
- झारखंड के 45 विद्यार्थी चुने गए एनईपी सारथी, इनमें हैं 30 छात्राएं।
यूजीसी ने कुल 117 उच्च शिक्षण संस्थानों से 725 विद्यार्थियों का चयन एनईपी सारथी के रूप में किया है। सारथी यानी स्टूडेंट एंबेसडर फॉर एकेडमिक रिफार्म इन ट्रांसफॉर्मिंग हायर एजुकेशन इन इंडिया के रूप में झारखंड के 45 विद्यार्थी चुने गये हैं। इनमें बीआईटी मेसरा के छह, जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के नौ, अरका जैन विश्वविद्यालय के नौ, नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय जमशेदपुर के नौ, सरला बिरला विश्वविद्यालय रांची के नौ और श्रीनाथ विश्वविद्यालय के तीन विद्यार्थी शामिल हैं। इनमें 30 लड़कियां हैं. एनईपी सारथी के लिए चुने गए छात्रों को यूजीसी और विश्वविद्यालय द्वारा सर्टिफिकेट ऑफ रिकग्निशन दिया जायेगा. उन्हें यूजीसी के ऑनलाइन कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा. इसके अलावा उनके लेख यूजीसी के न्यूजलेटर में प्रकाशित किये जायेंगे।
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