रांची : झारखंड
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लेक्चरर बनने के लिए अपनी पसंद के विषय में दे सकते हैं नेट परीक्षा।
विश्वविद्यालयों में फैक्ल्टी बनने के लिए अभ्यर्थी अब अपनी पसंद के विषय में नेट परीक्षा दे सकते हैं। नेट परीक्षा के लिए अब स्नातक और स्नातकोत्तर के विषयों की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। यानी स्नातक और स्नातकोत्तर में विषय कोई भी रहे हों, अभ्यर्थी परीक्षा देने के लिए अपने पसंदीदा विषय को चुन सकता है।
यूजीसी के नए मसौदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, उम्मीदवार अपनी पसंद के विषय में यूजीसी-नेट पास करके उच्च संस्थानों में संकाय पदों के लिए अर्हता प्राप्त कर सकते हैं, भले ही उनकी स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री अलग-अलग विषयों में हों ।
दिशा-निर्देशों के अनुसार, संकाय चयन के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री में अध्ययन किए जाने वाले विषयों से पहले पीएचडी डिग्री का विषय आता है।
विश्वविद्यालयों में फैक्ल्टी बनने के लिए अभ्यर्थी अब अपनी पसंद के विषय में नेट परीक्षा दे सकते हैं। नेट परीक्षा के लिए अब स्नातक और स्नातकोत्तर के विषयों की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। यानी स्नातक और स्नातकोत्तर में विषय कोई भी रहे हों, अभ्यर्थी परीक्षा देने के लिए अपने पसंदीदा विषय को चुन सकता है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को यूजीसी (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति और पदोन्नति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के लिए उपाय) विनियम, 2025 का मसौदा जारी किया, जिसमें अभ्यर्थियों के लिए यह सहूलियत दी गई है। प्रधान ने कहा, ये मसौदा उच्च शिक्षा के हर पहलू में सुधार, नवाचार, समावेशिता, लचीलापन और गतिशीलता लाएंगे। मसौदा विनियम, 2025 को फीडबैक, सुझाव और परामर्श के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है।
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