रांची : झारखंड
@The Opinion Today
अंतरिक्ष उद्योग में उतरेंगी कार निर्माता कम्पनियां
एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स है जिसके वह सीइओ हैं। इसकी स्थापना का मकसद सैटेलाइट या उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए हुई थी और अब भी यह कंपनी की आय का मुख्य ज़रिया है। आज से 23 वर्ष पहले जब यह कंपनी स्थापित की गई थी तब बाजार में केवल एक प्रतिस्पर्धी कंपनी मौजूद थी जिसका नाम था यूनाइटेड लॉन्च अलायंस। लेकिन पिछले 10 वर्षों में परिस्थितियां बदली हैं।निजी कंपनियां अंतरिक्ष को अलग नज़र से देख रही हैं। अब अंतरिक्ष को एक नई अर्थव्यवस्था के स्रोत के रूप में देखा जाता है । क्योंकि यही हमारा भविष्य है। इस समय दुनिया में लगभग 500 कंपनियां अंतरिक्ष उद्योग में हैं और उनकी संख्या बढ़ने वाली है। इसमें जापानी कार निर्माता कंपनी मित्सूबिशी के साथ टोयोटा भी शामिल हो चुकी है।
1960 के दशक से ही अंतरिक्ष में मनुष्य के पहुंचने के बाद से ही अंतरिक्ष का व्यावसायिक इस्तेमाल शुरू हो गया था। सैटेलाइट्स की मदद के बिना जीवन की कल्पना असंभव है, मौसम का अंदाज़ा लगाना हो ,जलवायु परिवर्तन के परिणामों से निपटना अथवा सैटेलाइट्स के इस्तेमाल से सूचना, संचार और मनोरंजन क्षेत्र की सफलता हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सैटेलाइट महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सरकारों के साथ इस कतार में अब निजी कंपनियां भी आर्थिक कारणों से उतर चुकी हैं।
नासा ने भी चन्द्रमा के आर्थिक इस्तेमाल के लिए कई नई कंपनियों को इस क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है। अंतरिक्ष इतिहास के पिछले 23 वर्ष हलचल भरे और सफलता एवं विफलताओं का मिला जिला अनुभव से भरा रहा है। ऊर्जा ,तेल और गैस पर निर्भर इस दुनिया को अपने अस्तित्व को बरकरार रखने के लिए अंतरिक्ष के संसाधनों की ओर देखना मजबूरी भी है।
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