टेरिटोरियल आर्मी के साथ क्यों जुड़ते हैं सेलिब्रिटी। धोनी सहित और कौन कौन हैं शामिल।

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रांची : झारखंड

@ The Opinion Today

प्रादेशिक सेना (TA ) अंशकालिक स्वयंसेवकों से बना एक सैन्य रिजर्व बल है जो भारतीय सेना को सहायता सेवाएँ प्रदान करता है। प्रादेशिक सेना का गठन 9 अक्टूबर 1949 को हुआ है।इसलिए 9 अक्टूबर को टेरिटोरियल आर्मी डे मनाते हैं।

भारतीय प्रादेशिक सेना नियमित भारतीय सेना का एक सहायक सैन्य संगठन है। प्रादेशिक सेना में देश के कई बड़े नाम या कहें कि मशहूर सेलिब्रिटी शामिल हैं। प्रादेशिक सेना’ में महेंद्र सिंह धोनी, सचिन पायलट समेत करीब 50 हजार से ज्यादा जवान हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को 2011 में प्रादेशिक सेना की पैराशूट रेजिमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी इनके अलावा कपिल देव, अभिनव बिंद्रा, मलयालम अभिनेता मोहनलाल, फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर, बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर, कांग्रेस नेता सचिन पायलट, पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर प्रादेशिक सेना में हैं।

टेरिटोरियल आर्मी 1962, 1965, 1971, 1999 की लड़ाई और प्राकृतिक आपदाओं में जरूरी सेवाओं को बहाल करने में अहम भूमिका निभा चुकी है। अच्छी बात यह है कि टेरिटोरियल आर्मी को भी उनकी वीरता के लिए सम्मानित किया जाता है। बीते 77 साल में टेरिटोरियल आर्मी को 1 कीर्ति, 5 अतिविशिष्ट सेवा मेडल, 5 वीर, 5 शौर्य चक्र, 74 सेना मेडल, 28 विशिष्ट सेवा मेडल, समेत 402 पदक मिले हैं।

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केंद्र सरकार ने 9 मई 2025 को एक नोटिफिकेशन जारी कर भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी को प्रादेशिक सेना के नियमों के तहत विशेष शक्तियां प्रदान की अब थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी टेरिटोरियल आर्मी रूल्स 1948 के नियम 33 के तहत टेरिटोरियल आर्मी के किसी भी सैन्य अधिकारी या जवान को सेना की मदद के लिए बुला सकते हैं। इस वक्त देश में प्रादेशिक सेना की 6 बटालियन और 65 यूनिट हैं। TA की कमान पूरी तरह से प्रादेशिक सेना के महानिदेशक के हाथों में होती है।
टेरिटोरियल आर्मी एक अर्द्धसैनिक बल है। इसे सेकेंड लाइन ऑफ डिफेंस भी कहते हैं। यह देश में कई बड़े ऑपरेशनों में काम कर चुकी है और युद्ध मोर्चे पर अग्रिम पंक्ति के जवानों की परछाई बनकर ठीक उनके पीछे मदद के लिए तैयार रहती है।

अभी इसके 50 हजार सदस्य हैं, जो 65 विभागीय यूनिट्स (जैसे रेलवे, आईओसी) और गैर विभागीय इन्फेंट्री व इंजीनियर बटालियन में हैं। इनकी ट्रेनिंग सेना की तरह ही होती है।

 


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