रांची : झारखंड
@ The Opinion Today
रांची में कहां लगे हैं पॉइन्सेटिया के पौधे
क्रिसमस ट्री के अलावा, पॉइन्सेटिया की तरह कोई भी पौधा क्रिसमस का प्रतीक नहीं है। विश्व भर में क्रिसमस को लेकर तैयारी अंतिम चरण में है। इस दिन चर्च जाकर प्रार्थना करने, घरों में रंग बिरंगी लाईटस सजाने, केक बनाने और खिलाने, क्रिसमस ट्री को सजाने और संता क्लॉज के आने का इंतजार करने के साथ एक और चीज का विशेष महत्व है और वह है फूल का। मान्यता है कि फूल लेकर प्रार्थना करने से यीशु मसीह मनोकामना पूर्ण करते हैं।
अड़हुल और गुलाब के फूल के साथ एक और फुल है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं वह है पॉइन्सेटिया का फूल ।
पॉइन्सेटिया के फूल के बारे में मसीही समुदाय की राय
ईसाई समुदाय के लोग बताते हैं कि इसके फूल के बारे में कहा जाता है कि सबसे पहले अमेरिका में इस फूल का प्रयोग क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, किया गया था। क्रिसमस के दिन कई फूलों का उपयोग होता है लेकिन इस दिन इसका विशेष महत्व है।
पॉइन्सेटिया का फूल और यीशु की कहानी
माना जाता है कि 19 वीं शताब्दी में एक मेक्सिकन लड़की भगवान यीशु को कुछ उपहार देना चाहती थी लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। वह जैसे ही चर्च पहुंची चर्च के आस पास के जंगल और खास पॉइन्सेटिया के फूल में बदल गए और तभी से इस फूल का महत्व क्रिसमस के साथ जुड़ गया।
रांची में कहां मिलेगा पॉइन्सेटिया का पौधा
क्रिसमस आते ही रांची के बाजार में फूलों की मांग बढ़ जाती है। सुगंधित फूलों से यीशु मसीह का स्वागत करने के लिए पूरे प्रदेश में फूलों की खूब बिक्री होती है।
रांची के बीसप हाउस में इस फूल के पौधे लगाए गए हैं। इसी फूल को हाथ में लेकर क्रिसमस के दिन लोग प्रार्थना करना पसंद करते हैं। क्रिसमस को देखते हुए बाजारों में यह फुल दिल्ली और कोलकाता से मंगाए जाते हैं। यह फुल सद्भावना और पवित्रता का प्रतीक है।
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