रांची : झारखंड
@ The Opinion Today
भारत में किसी भी चुनाव में वोट देने के बाद मतदाता के बाएं हाथ की उंगली पर स्याही से निशान लगाने की परंपरा है। यह इस बात का संकेत है कि आपने मतदान कर दिया है।
यह एक ऐसी स्याही है, जिसके दाग़ जल्दी नहीं मिटते। स्याही लगाते समय यह यह बैंगनी रंग की नज़र आती है, लेकिन बाद में इसका रंग कला हो जाता है।
इस अमिट स्याही को इंडेलिबल इंक के नाम से भी जाना जाता है।
भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में मतदान के बाद स्याही से निशान लगाने का रिवाज है।
ख़ास बात यह है कि दुनिया के अधिकांश देशों में यह स्याही भारत से ही भेजी जाती है।
कहां बनाई जाती है ऐसी स्याही
- यह अमिट स्याही भारत में तेलंगाना के हैदराबाद की रायुडू लेबोरेटरी और कर्नाटक के मैसूर के मैसूर पेंट्स और वार्निश लिमिटेड कंपनी में बनाई जाती है।
- भारत का चुनाव आयोग मैसूर पेंट्स और वार्निश लिमिटेड में बनी स्याही का इस्तेमाल करता है वहीं रायुडू लेबोरेटरी में बनी स्याही दुनिया के दूसरे देशों में भेजी जाती है।
- दुनिया के क़रीब 90 देशों में इस स्याही का इस्तेमाल चुनाव के दौरान इस्तेमाल करते हैं।
- एक और बात आपको आश्चर्य चकित कर सकती है कि इसी
- स्याही का इस्तेमाल पल्स पोलियो प्रोग्राम में भी होता है।
- बच्चों को टीका लगाने के बाद उन्हें इसी स्याही से चिन्हित किया जाता है।
कैसे बनती है यह स्याही?
चुनावी स्याही में 10 से 18 प्रतिशत मात्रा सिल्वर नाइट्रेट केमिकल की मात्रा होती है। जब इसे हमारी उंगली पर लगाता है तो यह हमारे शरीर में मौजूद नमक के साथ प्रतिक्रिया कर के सिल्वर क्लोराइड बनाता है। सिल्वर क्लोराइड पानी में घुलता नहीं है इस कारण यह हमारी त्वचा से जुड़ा रह जाता है। उंगली पर लगाए जाने के सेकेंड भर बाद ही यह अपना निशान बना लेता है और 40 सेकेंड में पूरी तरह सूख भी जाता है।
पानी के संपर्क में आने के बाद इसका रंग काला पड़ जाता है।
इसका निशान कम-से-कम 72 घंटे तक त्वचा से मिटाया नहीं जा सकता है।
चुनाव आयोग हर चुनाव के दौरान लाखों बॉटल स्याही का देता है आर्डर
चुनाव आयोग के मुताबिक़ 2014 के आम चुनाव के दौरान 21 लाख बॉटल स्याही का ऑर्डर दिया गया था । 2019 के आम चुनावों में यह 26 लाख तक पहुंच गया । चुनावी स्याही का इस्तेमाल 1960 के दशक से हो रहा है।
चुनाव आयोग का निर्देश
मार्च 2015 में चुनाव आयोग के दिए निर्देश के मुताबिक़ स्याही बाएं हाथ की तर्जनी उंगली के नाखून के आख़िरी सिरे से प्रथम जोड़ के नीचे तक ब्रश से लगाई जाएगी।
जिस ब्रश से यह स्याही लगाई जाती है,वह भी मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड ही बनाता है।
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